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जीवन में त्याग से बड़ा कोई दान नहीं

जीवन में त्याग से बड़ा कोई दान नहीं 
राज्य संवाददाता, दिल्ली एनसीआर (ओ पी श्रीवास्तव)। गौतम बुद्ध नगर के नोएडा में श्री जी रसोई की सहायतार्थ नोएडा स्टेडियम में चल रही दिव्य श्री राम कथा में आज सातवे दिन परम पूजनीय संत विजय कौशल जी महाराज ने भगवान राम के वनवास का प्रसंग सुनाया। जीवन में त्याग से बड़ा कोई दान नहीं है। जिसने जीवन में त्याग को अपनाया है उसने ही सब कुछ पाया है।



भगवान राम मर्यादापुरोषतम हैं उनको वनवास के समय जो जीवन जीया उससे हमको सिखाना चाहिए कि विपरीत विषम समय में कैसे रहना चाहिए। आज की कथा में भगवान राम के साथ मां जानकी और लक्ष्मण जी  के वन के लिए जाने के समय समस्त भक्त भाव विभोर हो गए। उसके बाद भगवान राम भक्त राज हनुमान के मिलन की कथा सुनाई.,भगवान राम के नाम की महिमा के बारे में बताते हुए महाराज जी ने कहा कि भगवान का नाम सीधा या उल्टा नहीं होता है। जैसे आप को भगवान का नाम लेना हो वैसे लेना चाहिए। 


महाराज जी ने हनुमान जी के लंका में जाने, विभीषण जी से मिलकर रावण की लंका नगरी में राम कथा सुनाना और उनका भक्ति रूपी सत्संग से मार्गदर्शन करने और मां जानकी का पता लगाकर उनसे मिलने की कथा कही ,माँ जानकी स्वयं जगदम्बा हैं, जगत की माँ हैं, माता ने हनुमान जी की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें अजर एवं अमर होने के साथ अनेक आशीर्वाद दिये, इसलिए हम सबको मीठे वचन बोलना चाहिए और सबका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि पुरुषार्थ की एक सीमा होती है और आशीर्वाद की कृपा अनंत होती है। 


महाराज जी ने आज के युवाओं से कहा कि अगर जीवन में सफल होना चाहते हो तो अपने से बड़े लोगो का सम्मान करो उनके  अनुभव से सीखो.महाराज जी ने सभी भक्तों को  वृन्दावन में चल रही दिव्य श्री जी रसोई के लिए अमंत्रित किया. दिव्य राम कथा में प्रतिदिन भक्तों की संख्या बढ़ रही है और समस्त पंडाल राममय हो गया है। हर कोने में हर तरफ प्रभु राम ही राम हैं। आज भी कथा में 3600 से 4000 भक्त कथा में उपस्थित रहे। कथा के प्रारंभ में मंगलमय परिवार नोएडा के अध्यक्ष महेश गुप्ता जी ने आचार्य श्री ब्रज जी, सत्य नारायण गोयल, जगमोहन शर्मा, राजेश जिंदल, सुधीर पोरवाल, वेद प्रकाश गोयल, अनिल गोयल, दिलीप अरोड़ा, संजय जिंदल, सोनू राणा और देश के कोने कोने से आये अनेक गनमान्यौ का स्वागत किया. उन्हें वृन्दावन में चल रही श्रीजी रसोई से जुड़ने के लिए आह्वान किया।


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