Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

कॉमन्स कन्वेनिंग का उद्देश्य कॉमन्स को बढ़ावा देने के लिए संवाद स्थापित करना है

कॉमन्स कन्वेनिंग का उद्देश्य कॉमन्स को बढ़ावा देने के लिए संवाद स्थापित करना है 

Commons Convening aims to establish dialogue to promote the commons


लखनऊ, 28 अगस्त। देश में पारिस्थितिक कॉमन्स 20.5 करोड़ एकड़ क्षेत्र यानि भारत के भूभाग का एक-चौथाई हिस्सा कवर करता है। इससे देश के  35 करोड़ से अधिक निर्धन ग्रामीणों की आजीविका जुड़ी हुई है। इसी विषय से जुड़ी चिंताओं, समस्याओं, चुनौतियों और इनके समाधान के लिए नई दिल्ली में तीन दिवसीय डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘कॉमन्स कन्वेनिंग’ की शुरुआत हुई। 


तीन दिन में करीब 37 सत्रों के जरिए कॉमन्स और इससे जुड़े क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित से प्रमुख हितधारक, सरकारी अधिकारी, समाज के अग्रणी नागरिक, शोधकर्ता और विभिन्न सामुदाय के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। आज हुए समाज, सरकार और बाजार सत्र में कई वरिष्ठ वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इसमें योजना आयोग के पूर्व सदस्य अरुण मायरा, केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक,इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज ट्रस्ट की निदेशक और रिसर्च फेलो जान्हवी अंधारिया और अशोका यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मेखला कृष्णमूर्ति शामिल हुए। 


सभी ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक जमीनी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया कि सरकार और बाजार दोनों समाज और प्रकृति की सेवा करें। इससे पहले 27 अगस्त को पांच राज्य झारखंड, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओडिशा और राजस्थान के चेंज मेकर्स ने कॉमन्स संरक्षण की अपनी कहानियां साझा की। बता दें कि इस सम्मेलन का आयोजन सहभागी संस्थाओं के एक समर्पित गठबंधन द्वारा किया जा रहा है जिसमें कॉमन ग्राउंड, फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी, लैंडस्टैक, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (ज्प्ै)-मुंबई, न्छक्च् इंडिया और डिज़ाइन पार्टनर कोलैबोरेटिंग फॉर रेजिलिएंस (ब्वत्म) शामिल हैं।


सम्मेलन का उद्देश्य?

भारत के कॉमन्स, जैसे सामुदायिक वन, चारागाह और जल निकाय आदि के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। ये संसाधन 20.5 करोड़ एकड़ क्षेत्र से अधिक भूभाग में फैले हैं, जो कि भारत के भूभाग का एक चौथाई हिस्सा है। साथ ही ये क्षेत्र 35 करोड़ से अधिक निर्धन ग्रामीणों की आजीविका के लिए आवश्यक हैं। कॉमन्स उन्हें भोजन, पानी, दवा, जलावन की लकड़ी और इमारती लकड़ी जैसे महत्वपूर्ण संसाधन देते हैं। 


इसके अलावा स्वच्छ जल, उपजाऊ मिट्टी, परागण, कीट नियंत्रण और कार्बन भंडारण सहित महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ भी उपलब्ध कराते हैं। ये मौजूदा जलवायु संकट के समय में कृषि-भूमि और आजीविका को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। इन सामान्य संसाधनों का मूल्य बहुत अधिक है, लेकिन स्थानीय समुदाय उनके उपयोग को नियंत्रित करने के लिए जिन प्रणाली और परम्पराओं को अपनाते हैं, वे भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। 


कॉमन्स सम्मेलन का उद्देश्य सार्वजनिक चर्चा में कॉमन्स के महत्व को सामने लाना, नागरिक जुड़ाव को बढ़ावा देना और कम्युनिटी, प्रमुख निर्णयकर्ताओं, शिक्षाविदों और व्यवसायों को एक मंच पर लाकर सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करना है। इस सम्मलेन में खाद्य प्रणालियों, ग्रामीण आय, आदि से जुड़ी समस्याओं के समाधान में कॉमन्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा की जा रही है। साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता संरक्षण और ग्रामीण-शहरी निरंतरता जैसे विषयों पर भी गहराई से विचार किया जायेगा। व्यवस्था के अंदर आ रही चुनौतियों के समाधान के लिए कॉमन्स कन्वेनिंग में सामुदायिक शासन (समाज), सरकार (सरकार) और मार्केट (बाजार) के बीच समन्वय ढूंढने की कोशिश होगी।

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

...

Below Post Ad

 

......


 

...
.....
.....
....
...

Bottom Ad