बनकटी में पागल बंदर ने दर्जनों को काटा, बीडीओ से डीएम तक सभी कर रहे नजरअंदाज Mad monkey bit dozens of people in Bankati, everyone from BDO to DM is ignoring them
वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि यह काम ग्राम पंचायत का है, इसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है। विभाग ने साक्ष्य के तौर पर इस आशय का आदेश भी दिखाया। यह आदेश बीडीओ को दिखाया गया तो उन्होने कहा हम वन विभाग के अधिकारी का आदेश मानने को विवश नही हैं। हमे पंचायती रजा विभगा आदेश देगा तब वह हम पर प्रभावी होगा। डीएम से कहा गया तो अर्दली ने ही निपटा दिया। मसलन नागरिकों को बानर काटे, सांड पटक दे, तेंदुआ उठा ले जाये, अफसरों की कोई जिम्मेदारी नही है। हमे एक कहानी याद आग ई जो यहां सटीक बैठती है।
एक बार सरकार की ओर से पौधरोपण का अभियान चलाया जा रहा था। तीन मजदूर डियूटी पर थे। एक गड्ढा खोदता, दूसरा उसमे पौधा रखता और तीसरा गड्ढे में मिट्टी डालकर पानी डाल देता। पौधरोपण चल रहा था, अफसर मुआयना करने पहुंचे, देखा गड्ढा खोदा गया था, पौधे डाले जा चुके थे लेकिन मिट्टी और पानी किसी में नही डाला गया था। अफसर ने पूछा पानी क्यों नही डाला गया, जवाब मिला जो पानी डालता था वो मजदूर छुट्टी पर है। इन अफसरों की स्थिति उसी मजदूर जैसी है। पागल बंदर ने ककरौली में पट्टू पुत्र राम प्रताप व निर्मल पाल को काटा। बेहिल में उत्पात मचाया और बुजुर्ग झुन्नू यादव को काट कर जख्मी कर दिया।
इसके पहले बेहिल के प्रधान राधेश्याम, सुरेमन गौड़ और शिवा पुत्र राधेश्याम बनिया, सईद वारे के रोजगार सेवक सहित दर्जनों लोगों को काट चुका है। गंगाराम यादव ने सीएमओ, मुख्य मंत्री, पीएमओ से भी शिकायत किया है। आम जनता का दर्द समझने वाला कोई नही है। अभी आत्मरक्षा में इसी बंदर को कोई मार दे तो दुनियां भर के संगठन धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे और दोषी के लिये सजा की मांग करने लेंगे लेकिन पागल बंदर ने बेहिल, पिपरा, सैदवारे, ककरौली, महादेवा, छबिलहां सहित कई गांव में लोगों को काटकर जख्मी कर दिया, इससे उनकी संवेदनायें नही जागृत हुईं। फिलहाल ग्रामीणों ने पागल बंदर के आतंक से छुटकारा दिलाने की मांग किया है जिसे निर्भीक होकर आपनाक ाम कर पायें और खेती किसानी का कार्य प्रभावित न हो।
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