पुरानी पेंशन के लिये निकली शंखनाद रैली, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन Shankhnaad rally for old pension, memorandum sent to Prime Minister and Chief Minister
बस्ती, 06 नवम्बर। बुधवार को उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ पदाधिकारियों और सफाईकर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जिला संयोजक अजय कुमार आर्य, मनोज चौहान, पेशकार, राम कृपाल चौधरी, अमित चक्रवर्ती के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शंखनाद रैली के साथ पद यात्रा निकाली।
इसके बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन देने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय पर अपने सम्बोधन में उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बसन्त लाल गौतम ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर निरन्तर चरणबद्ध ढंग से संघर्ष किया जा रहा है किन्तु केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार चुप्पी साधे हुये हैं। जब तक पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरा नहीं हो जाता चरणबद्ध ढंग से संघर्ष जारी रहेगा।
बताया कि आगामी 17 नवम्बर को पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आवाहन पर राजधानी दिल्ली में विशाल प्रदर्शन किया जायेगा जिसमें समूचे देश से कर्मचारी, शिक्षक और अनेक संवर्गो के लोग हिस्सा लेंगे। उन्होने अपने अधिकार के लिये एकजुटता बनाये रखने पर जोर दिया। पद यात्रा और ज्ञापन के बाद सचिवालय प्रशासन संघ के यू.पी. सिंह, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष राम अधार पाल, मंत्री तौलू प्रसाद और उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष अजय कुमार आर्य आदि ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिये हर स्तर पर संघर्ष करना होगा।
कहा कि सरकार अपने हठवादिता पर अड़ी हुई है किन्तु कर्मचारियों, शिक्षकों और विभिन्न संवर्गो के कर्मचारियों की एकजुटता के आगे सरकार को झुकना ही होगा। एक सूत्रीय पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आयोजित शंखनाद रैली और पद यात्रा में मुख्य रूप से शिवमंगल पाण्डेय, भरतराम, संजय यादव, कलीम अहमद, बजरंगी प्रसाद, हनुमान शरन, सुधीर शर्मा, मुकेश यादव, राजेश कुमार, बलराम यादव, तुलसीराम, अनिल श्रीवास्तव, बजरंगी, शिवकुमार यादव, लालजी निषाद, सीमा के साथ ही बड़ी संख्या में सफाईकर्मी एवं पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से जुड़े अनेक संगठनों के कर्मचारी नेता, पदाधिकारी शामिल रहे।
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