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पहलगाम के गुनहगारों का क्या हुआ मोदी जी, देश पूछ रहा है मोदी जी

पहलगाम के गुनहगारों का क्या हुआ मोदी जी, देश पूछ रहा है मोदी जी
भारत की सेनायें दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दे रही थीं।
140 करोड़ जनता और समूचा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा था, सेना का मनोबल बढ़ा रहा था, देश लड़कर जीत हासिल करने में सक्षम है, आतंकवादियों द्वारा पहलगाम मे निर्दोष और निहत्थे मारे गये 26 परिवारों की चीख कलेजा चीर रही थीं, फिर ऐसी क्या मजबूरी थी 56 इंच की छाती वाले महापुरूष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीजफायर पर समझौता कर लिया। उन्हे शायद इस का बात का अहसास न हो, लेकिन उन्होने बहुमत का अपमान किया है।


भारत की 140 करोड़ जनता का सिर शर्म से झुका दिया है। आज हालात ऐसे हैं कि पूरा देश आयरन लेडी इंदिरा जी को याद कर रहा है। इतिहास गवाह है उन्होने अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी पर 1971 के युद्ध में कहा था सातवा बेड़ा हो 70 वां, अमेरिका कौन होता है भारत को आदेश देने वाला। एक महिला होकर उनकी दिलेरी और निर्णय लेने की क्षमता की पूरी दुनिया कायल है। आज हमारे देश में शेर को दुलारने वाला उसे दूध पिलाने वाला प्रधानमंत्री है तो युद्ध विराम क्यों ? पूरा देश जानना चाहता है पहलगाम के गुनहगारों का क्या हुआ ? 


आपरेशन सिंदूर का क्या हुआ ? युद्ध खत्म हो गया है, तो सरकार से सवाल तो बनता है हमलावर कहां हैं, क्या उनकी पहचान की गई है, हमें क्या मिला? ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने के लिए संसदीय सत्र कब बुलाया जायेगा ? सोशल मीडिया पर अनगनित पोस्ट है जिसमे प्रधानमंत्री की कायरता के चर्चे हैं। इन्दिरा गांधी की दिलेरी के भाषण, प्रियंका गांधी के आरोप और राहुल गांधी की दहाड़। सभी को बोलने का अवसर मोदी जी ने दिया है। बचा खुचा सम्मान बचाना है तो प्रधानमंत्री को आपरेशन सिंदूर का सच, उद्देश्य, क्या खोया क्या पाया, और क्यों अमेरिका के दबाव में युद्ध विराम का निर्णय लिया यह सब बताना होगा क्योंकि देश जानना चाहता है।

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