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घटना के एक साल बाद भी नही हुआ मुण्डेरवां के हरिकांत गुप्ता हत्याकांड का खुलासा, आजाद घूम रहे हत्यारे



घटना के एक साल बाद भी नही हुआ मुण्डेरवां के हरिकांत गुप्ता हत्याकांड का खुलासा, आजाद घूम रहे हत्यारे

परिवार न्याय मांग रहा है कप्तान साहब!
हरिकांत ने अपना गला खुद नही काटा होगा
रहस्य से कब उठेगा परदा, क्या इतनी अक्षम हो गई पुलिस


बस्ती, 18 जून।
जिले के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के रामपुर रेवटी गांव में 03 मई 2024 को फेरी लगाने वाले हरिकांत गुप्ता की गला काटकर हत्या कर दी गई थीं। इस घटना का आज तक खुलासा नही हुआ। पीड़ित परिवार अधिकारियों की चौखट पर सिर पटकता रहा लेकिन उन्हे आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला। चार बार मुख्यमंत्री से मिले इसका भी नतीजा सिफर रहा।


भाई संतोष गुप्ता ने बताया की घटना की रात उसका भाई आधा कटा हुआ गला लेकर घर पहुंचा था। घटना 3 मई 2024 की रात्रि लगभग एक बजे की है, संतोष ने बताया कि उनके भाई हरिकांत के हाथ बंधे हुए थे और गला रेता हुआ था, वह कहीं से चलकर रात्रि में घर आए थे, जिन्हें लेकर तुरंत मुंडेरवा थाने गये, जहां पुलिस ने कहा कि इनका पहले इलाज कराओ। हम भाई को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होने उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।


घटना के तीन महीने बाद दबाव बना तो फॉरेंसिक टीम 15 अगस्त को मौके पर पहुंची, लेकिन इन्हें कोई सफलता नहीं मिली। परिजनों ने बताया कि उनके घर से कुछ दूरी पर एक मकान के अंदर हरिकांत का गला रेतकर उन्हे अधमरा किया गया। संदिग्ध मकान के सामने एक गड्ढे में खून से सना गद्दा व तकिया भी मिला था। यहां तक कि संदिग्ध मकान के भीतर जांच करने पहुंची पुलिस को दीवार पर खून के धब्बे मिले थे। 


उच्चाधिकारियों 13 नवंबर 2024 को पुनः गोरखपुर से फॉरेसिंक टीम बुलाया। सीओ रूधौली स्वर्णिमा सिंह भी मौके पर पहुंची। लेकिन टीम किसी नतीजे पर नही पहुंची। हरिकांत की पत्नी ने कहा पुलिस हमारे पति के हत्यारों को सामने लाये। स्थानीय सूत्रों की माने तो हरिकांत का किसी महिला से संपर्क था। घटना की रात में वह साजिश का शिकार हो गया और जान देकर उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ी। 


लेकिन ये सारी जानकारियां पुलिस के लिये पर्याप्त नही हैं। इसीलिये हत्यारे आजाद घूम रहे हैं। पीड़ित परिजन कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ पूर्व आईजी से भी मिले थे, उन्होने काफी निराशाजनक जवाब देते हुये कहा था कि कोई जरूरी नही हर घटना का खुलासा हो जाये। अब नये तेज तर्राक डीआईजी से परिजनों को उम्मीद जगी है कि वे स्थानीय पुलिस की लापरवाही को देखते हुये इस मामले में गुनहगारों को सजा दिलवाने हेतु ठोस बदम उठायेंगे।

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