बस्तीः कागजों में चला बंदरों को पकड़ने का अभियान, गली मोहल्लें में दिख रहे हैं झुण्ड के झुण्ड बंदर
बस्ती, 07 जुलाई। नगरपालिका की ओर से बंदरों को पकड़कर दूसरे जगह ले जाकर छोड़ने का अभियान चलाया गया। हालांकि इसमे पारदर्शिता का पूरा अभाव था। बार बार पूछा गया, कितने बंदर पकड़े गये, इस अभियान में कितना खर्च हुआ, लेकिन हमेशा गोलमटोल जवाब देकर बात टाल दी गई। बंदरों की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों को राहत नही मिली।
नगरपालिका प्रशासन ने बंदरों को पकड़ने के नाम पर लाखों रूपया खर्च किया लेकिन समस्या यथावत है। आज भी गली मोहल्लों में झुण्ड के झुण्ड बंदर दिखाई दे रहे हैं और लोगों का राह चलना मुश्किल हो रहा है। हालत ये है कि आप पालीथीन में कोई सामान लेकर नही जा सकते। बंदरों का झुण्ड झपट्टा मारकर छीन लेता और लोग घायल भी होते हैं। बंदरों की समस्या बहुत पुरानी है। मौजूदा नगरपालिका प्रशासन ने बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया तो लोगों ने सराहना की, नगरपालिका का काम तो हो गया लेकिन नागरिकों का दर्द कम नही हुआ। आपको बता दें इसी शहर में बंदरों के काटने से सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं जबकि आधा दर्जन लोग आज भी बिस्तर पर पड़े हैं। शहर के सम्भ्रान्त नागरिकों ने पुनः बंदरों को पकड़ने का पूरी इमानदारी से अभियान चलाकर इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने की मांग किया है।
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