गोष्ठी में बताया जेई से बंचाव के उपाय
बस्ती, 08 जुलाई। शूकर के शरीर में जापानीज इंसेफेलाइटिस के विषाणु सामान्य रूप से निवास करते हैं। इस बात की जानकारी डिप्टी सीवीओ भानपुर डॉ बलराम चौरसिया ने नरखोरिया में संचारी रोग नियंत्रण अभियान अंतर्गत आयोजित शूकर पालक संवेदीकरण गोष्ठि में दी। उन्होने बताया कि शुअर प्राकृतिक रूप से मजबूत होने के कारण जे ई रोग के रोगाणु शुअर के अंदर रहकर भी कुछ बिगाड़ नहीं पाते।
अचानक मौसम परिवर्तन होने से यही विषाणु मच्छर के जरिए मानव तक पहुंच कर दिमागी बुखार का कारण बन जाते हैं। जे ई रोग से बचाव के लिए अपने घर के आसपास साफ सफाई रखें। गंदा पानी न जमा होने दें। शूकर पालक भाई शूकर पालन छोड़कर कोई दूसरा रोजगार करें। शूकर बाड़ा साफ रखें और पंद्रह दिन पर एक बार कीटनाशक घोल का छिड़काव अवश्य करें। घर पर कोई भी बीमार हो तो बिना देरी के डाक्टर को दिखाएं। डॉ चौरसिया ने जे ई, मलेरिया, डेंगू आदि मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए मच्छरदानी भेंट कर रात्रि में मच्छरदानी लगाकर ही सोने की सलाह दी। इस अवसर पर शीला,रीता,शनी, मनीष,रामू आदि मौजूद रहे।
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