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रिश्वतखोरी बनाम उत्तर प्रदेश

 रिश्वतखोरी बनाम उत्तर प्रदेश

रिश्वतखोरी समाज में कोढ़ की तरह फैल है। इससे इमानदारी से जीवन जी रहे लोगों तथा गरीबों में घोर निराशा आती है और वे अवसाद में चले जाते हैं। इसको खत्म करने में वे खुद को बेबस और लाचार पाते हैं। दूसरी ओर जबकि सफ़ेदपोश चोरों की समाज में बहुत अच्छी छवि होती है। उनके खिलाफ मुंह खोलने का साहस भी आम आदमी नही कर पाता। वह सिस्टम से लड़ते लड़ते थक हार जाता है और कई बार तो सुसाइड तक कर लेता है। रिश्वतखोरी सिस्टम की नसों में रक्त बनकर प्रवाहित हो रही है। कोई सरकार या शासन इसे समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम नही उठाता या उठाना ही नही चाहता।

    मौजूदा सरकार के कार्यकाल में तो शायद ही कोई सरकारी महकमा हो जहां रिश्वत दिये बगैर कोई काम होता हो। बस्ती में तो माध्यमिक शिक्षक संघ ने इससे आजिज आकर अपने महकमे के आला अफसर को ज्ञापन देकर काम के अनुसार रिश्वतखोरी का रेट लिस्ट जारी करने की मांग किया है। अफसरों को डूबकर मरना चाहिये, कि उनके आचरण का स्तर इतना घटिया हो गया है कि उन्ही के महकमे में काम करने वाले उनके मातहत उनको ऐसा ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन यह तब हो जब उनके भीतर शर्म बंची हो। फिलहाल दिसम्बर माह में रिश्वतखोरी के जो मामले हमारे सज्ञान में आये हैं उन्हे हम आप तक पहुंचा रहे हैं। ये मामले उत्त्र प्रदेश के हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं जहां का मुख्यमंत्री बेहद इमानदार हो, जहां रामराज्य करीब करीब आ चुका है वहां के हालात ऐसे हैं तो समूचे देश में रिश्वतखोरों की जड़ें कितनी गहरी होंगी।

   पहला मामला अलीगढ़ का है। अलीगढ़ डेवलपमेन्ट अथॉरिटी के एई महाराज सिंह का रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। बताया गया घूसखोर अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। 

 दूसरा मामला संभल का है जहां 6000 रुपयों की रिश्वत लेते हुए कानून को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया। एंटी करप्शन टीम तहसील संभल के लेखपाल कानूनगो कक्ष में पहुंची। संभल के बैटला गांव निवासी दुर्गेश कुमार से रिश्वत लेते हुए कानूनगो वीरेंद्र सिंह को रंगे हाथों एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया। तीसरा मामला लखनऊ का है। माहनलालगंज तहसील में एंटी करप्शन टीम ने कानूनगो को तहसील में घूस लेते हुए पकड़ा।

   चौथा मामला अम्बेडकरनगर का है। यहां क्राइम शाखा के इंस्पेक्टर सैफुल्लाह का घूस लेते वीडियो वायरल हुआ। जमीन पर कब्जा दिलाने के नाम पर उन्होने पीड़ित की दुकान पर जाकर घूस लिया। पीड़ित ने एसपी को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की। मामला हंसवर थाने का है। पाचवां मामला पीलीभीत का है जहां घूसखोर दरोगा महेंद्र सिंह को रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा। 376 डी के मुकदमे में दरोगा ने पीड़ित से रिश्वत मांगी थी। 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुये दरोगा को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ लिया। मामला पीलीभीत के अमरिया थाने का है। छठा मामला उन्नाव का है जहां भूमि अभिलेखागार कार्यालय के बाबू का रिश्वत लेते हुये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। नकल देने के नाम पर बाबू ने 1 हजार रूपये रिश्वत मांगी थी।

  सातवां मामला बुलन्दशहर का है जहां नरसेना में तैनात सिपाही का किसान नेता से रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल हुआ। एसएसपी ने आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया। 

  आठवां मामला गाजीपुर का है जहां भ्रष्टाचार निवारण संगठन, उ0प्र0 के वाराणसी थाना इकाई ने जनपद गाजीपुर में राजस्व लेखपाल को ₹6,000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मुहम्मदपुर टंडवा के लेखपाल सुरेंद्र राम को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अब तक तहसील के तीन राजस्व कर्मचारी घूस लेने में जेल जा चुके हैं। मुहम्मदपुर टंडवा निवासी हरेराम चौहान ने आरोप लगाया कि पैमाइश रिपोर्ट के लिए लेखपाल उससे छह हजार मांग रहे थे।

    नवां मामला बस्ती जनपद का है जहां एंटी करप्शन टीम ने राजस्व निरीक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। राजस्व निरीक्षक ने जमीन की पैमाइश के नाम पर 25 हजार रूपये की मांग की थी। जिसमें 15 हजार बाद में देना था। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रमवापुर निवासी इसरार अहमद खान ने एंटी करप्शन टीम को लिखित शिकायती पत्र दिया था। राजस्व निरीक्षक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि 25 हजार रूपए लाओ तब मैं तुम्हारी जमीन नापूंगा। 

दसवां मामला गोरखपुर का है जहां एम्स थाने की जगदीशपुर चौकी पर तैनात सिपाही मनीष राजभर को एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुये गिरफ्तार किया। एक मामले में समझौते की कॉपी देने के नाम पर वह रुपये मांग रहा था।

    ग्यरहवां मामला बरेली का है। एंटी करप्शन टीम (Anti Corruption Team) ने एक महिला लेखपाल को एडीएम प्रशासन के आवास के पास किसान से रिश्वत लेते हुये गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। रिश्वतखोरी के ये गिने चुने मामले हैं जो प्रकाश में आये हैं। आप जान सकते हैं हजारों में कहीं एक पकड़ा जाता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता कि यूपी में रिश्वतखोरी की जड़ें कितनी गहरी हैं। फिलहाल सनातन धर्म को रक्षा कवच और 130 करोड़ देशवासियों को राम मंदिर की सौगात मिली है, इसलिये ये मामले बहुत तुच्छ नजर आते हैं।

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