शासन की मंशा पर पानी फेर रहा प्रधान, पौधों को नही मिली जमीन, ट्राली में सूख गये 1530 पौधे
बस्ती, 30 जुलाई। प्रधानमंत्री के आवाह्न पर योगी सरकार ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत प्रदेश में एक ही दिन 36.50 करोड़ पौधे लगाकर विश्व रिकार्ड बना लिया। लेकिन इस पौधरोपण के पीछे का सच भी किसी वैश्विक रिकार्ड से कम नही है। दरअसल कागजों में किये गये पौधरोपण की हकीकत एक एक कर बाहर आ रही है। इस गड़बडझाले में निचले तबके के अधिकारियों की संलिप्तता है।
ताजा मामला बस्ती जनपद के ग्राम पंचायत बेहिल का है। जानकारी मिली है कि यहां के प्रधान राधेश्याम को जिला प्रशासन की ओर से 20 जुलाई से पहले ही 1530 पौधे आवंटित किये गये थे। लेकिन एक भी पौधे रोपित नही किये गये। प्रधान के खलंगे पर ट्राली पर लदे पौधे सूख गये, उन्हे जमीन नसीब नही हुई। इतना ही नही चतुर प्रधान ने 19 मजदूरों की 6 दिन की मजदूरी भी बैंक से निकाल लिया। इसमे माया, मालती, चन्द्रबली, मोती, मैना देवी, शारदा देवी, इन्द्रमती, शांति देवी, ज्ञानेश आदि की इसमे मजदूराी दिखाई गई है।
गांव के एक जागरूक नागरिक गंगाराम यादव ने प्रधान के काले कारनामे को फोटो, वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर उजागर किया तो प्रधान और ब्लाक स्तरीय अधिकारियों के हाथ पांव फूल गये। बीडियो ने प्रधान पर दबाव बनाया, कहा हर हाल में पौधरोपण होना चाहिये। आनन फानन में प्रधान दूसरे ग्राम पंचायत से पौधे लाकर पौधरोपण कर रहा है और डैमेज कन्ट्रोल में जुटा है। प्रधान की चतुराई का अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि वह कार्यवाही से बचने के लिये हरे पौधों के बीच सूखे हुये पौधे भी लगा रहा है जिससे यह कहा जाय सके कि पौधरोपण समय से कराया गया था, कुछ पौधे सूख गये हैं।
पूरे मामले में बीडीओ बनकटी से बात करने पर उन्होने मीडिया दस्तक को बताया कि पौधरोपण न कराने की सजा प्रधान भोग रहा है। उसे एक एक पौध लगाना पड़ेगा। ग्राम प्रधान का बचाव करते हुये उन्होने कहा कि मामले की जांच करवा रहे हैं। आपको बता दें ग्राम प्रधान राधेश्याम के खिलाफ भ्रष्टाचार के अनेक आरोप लगे हैं लेकिन किसी जांच में उसका बाल बांका नही हुआ। नीचे से ऊपर तक सभी उसे बचाने में लगे रहे। उ.प्र. सरकार के महत्वाकांक्षी पौधरोपण योजना में जब प्रधान इतना गोलमाल कर सकता है तो वह कितना शातिर होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कमोवेश यही स्थिति ूदसरे ग्राम पंचायतों की होगी तो आप सरकार के 36.50 करोड़ पौधरोपण की हकीकत आप समझ सकते हैं।
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