गोण्डा में आरपीएफ ने 16 नाबालिग लड़कियों को पकड़ा
उन्होने बताया कि सोमवार तड़के गश्त के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन पर उन्होंने एक महिला और पुरुष के साथ 16 नाबालिग बच्चों को किसी ट्रेन की प्रतीक्षा करते हुए देखा। उन्होंने बताया कि नाबालिगों से पूछताछ शुरू की गयी तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और वहां मौजूद महिला तथा पुरुष मौका पाकर भाग गये। कुमार ने बताया कि मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर सभी बच्चों को ‘चाइल्ड लाइन’ के हवाले कर दिया गया।
‘चाइल्ड लाइन’ के जिला समन्वयक आशीष मिश्र ने बताया कि प्रदेश के देवरिया जिले की निवासी एक महिला ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी में बिक्री कर्मचारी के रूप में नौकरी दिलाने के लिए इन नाबालिगों को प्रशिक्षण के नाम पर बिहार ले जा रही थी। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि इनके माता-पिता उन्हें रोजगार मिलने की उम्मीद में नाबालिगों को प्रशिक्षण के लिए भेज रहे थे। मिश्र ने बताया कि सभी किशोर और किशोरियों की उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच है। प्रशिक्षण के लिए अभिभावकों ने 1300-1300 रुपये का भुगतान भी किया है। उन्होंने बताया कि मुक्त कराये गये सभी लड़कियों और एक किशोर को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जा रहा है जहां से उन्हें उनके अभिभावकों के सुपुर्द किया जाएगा।
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