बाबू जगजीवनराम की पुण्यतिथि पर सहभोज में जुटे कांग्रेसी
जिलाध्यक्ष ने कहा बाबू जगजीवन राम ने स्वतंत्रता संग्राम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधीजी से प्रेरित होकर उन्होने 10 दिसंबर, 1940 को गिरफ्तारी दी। रिहा होने के बाद, उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन और सत्याग्रह में खुद को पूरी तरह से झोंक दिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी के कारण उनको 19 अगस्त, 1942 को फिर गिरफ्तार कर लिया गया।
बाबूजी का राजनीतिक जीवन पाँच दशकों से भी ज़्यादा लम्बा और शानदार रहा। उनके बताये रास्ते पर चलते हुये कांग्रेस आज भी देश की लोकतांत्रिक मजबूती के लिये सघर्ष कर रही है। सहभोज में मुख्य रूप से महादेवा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी बृजेश आर्या, देवानंद पाण्डेय, शकुन्तला देवी, गंगा प्रसाद मिश्रा, शौकत अली नन्हू, अशोक श्रीवास्तव, आदर्श जायसवाल, अमित कुमार, कान्ती देवी, यशराज केत्रके., युगराज के.के, श्यामू, विजय, अमित कनौजिया, इन्द्रनारायण, राजकुमार यादव, अर्जुनकुमार यादव, सामेई प्रधान, हनुमान, सभासद वीरेन्द्र, हेमन्त यादव, सुनील ्रिपयदर्शी, एकता के.के., जुगलकिशोर के.के. आदि शामिल हुये।
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