राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुये 76417 मुकदमे 76417 cases settled in National Lok Adalat
जिलाधिकारी रवीश गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक, गोपाल कृष्ण चौधरी एवं अन्य विभाग का सराहनीय सहयोग रहा। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के कुल 76417 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें बैंक ऋण व अन्य प्रकार से सम्बन्धित प्री लिटिगेशन स्तर पर 52628 मामलों को एवं न्यायालयों के 23789 वादों का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर कराया गया। लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 95 मामले निस्तारित किए गए।
इसमें रू० 15705500 की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की गई एवं आपराधिक वादों के निस्तारण के फलस्वरूप कुल रू. 309460 की धनराशि अर्थदण्ड एवं अन्य मामलों में कुल रू० 21986545 इस प्रकार कुल रू० 22296005 की धनराशि वसूल की गई। इसके अतिरिक्त बैंक ऋण के मामलों को निस्तारित कराकर बैंकों द्वारा रू. 30910914 की धनराशि पर समझौता किया गया। परिवार न्यायालय से कुल 82 मामलें निस्तारित हुए। वर्षों से मुकदमा लड़ रहे अनेक दंपत्ति आज राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौता करके साथ साथ रहने को सहमत हुए।
अनेक उजड़ें हुए घर पुनः बस गए। उक्त लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण अखिलेश दूबे, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय कु० आराधना रानी, अपर जिला जज प्रथम शिव चन्द, अपर जिला जज, विशेष न्यायाधीश (ई०सी० एक्ट) राम करन यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष कुमार राय, सिविल जज (सी०डी०) अमित मिश्रा समेत न्यायिक अधिकारी ने प्रतिभाग लिया। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला कारागार, बस्ती में निरूद्ध बन्दियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प कला की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जो आम जन के क्रय हेतु भी उपलब्ध थी एवं कुछ आगंतुकों द्वारा उपलब्ध सामग्रियों को क्रय भी किया गया था।
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