सनातन बोर्ड का गठन करे सरकारः प्रसाद में हो फल, मेवा का उपयोग Government should constitute Sanatan Board: Fruits and dry fruits should be used in Prasad.
भारत का इतिहास रहा है की अन्य धर्म के लोगो ने हिंदू आस्था,और विश्वास को चोट पहुंचाने का कार्य सदियों से कर रहे है। कहा कि सरकार द्वारा भारत देश के पवित्र प्रसिद्ध धाम और मंदिरों में रिसीवर बैठा कर उन्हे सरकारी नियंत्रण में लिया गया है, जिनमे तमाम विधर्मी लोग भी है, जिनके कार्यशैली और कुकर्म के कारण हिंदुओं को प्रसाद के रूप में अंजाने में पशुओं की चरबी खानी पड़ गई है। मांग किया गया है कि भारत सरकार देश के 4 लाख मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने हेतु संसद में प्रस्ताव लाकर सनातन बोर्ड का गठन किया जाय और सभी मन्दिर सन्त समाज को सौंपा जाए जिससे वे मंदिर आर्थिक लूट का केंद्र ना बन सके।
मन्दिर प्रशासक के रूप में नियुक्त सभी गैर हिन्दुओं को तत्काल प्रभाव से बाहर किया जाय। मन्दिर से सम्बंधित भूमि विवाद के निस्तारण हेतु उच्च न्यायालय स्तरीय सनातन न्यायाधिकरण का गठन किया जाय। इसी क्रम में ट्रस्ट के संरक्षक अरुण भारती ने कहा कि पूरे विश्व में कहीं भी किसी चर्च में कोई गैर इसाई कर्मचारी नहीं है, किसी मस्जिद में कोई गैर मुस्लिम कर्मचारी नहीं है परंतु सनातन धर्म का केंद्र भारत में अधिकांश मन्दिरों पर प्रशासक के रूप में तमाम मुस्लिम और ईसाई कर्मचारी नियुक्त हैं जो अक्षम्य अपराध है। ज्ञापन देने वालों में अरुण भारती, अशोक कुमार त्रिपाठी, दीनदयाल तिवारी, राहुल त्रिपाठी, अंशू कुमार, सौरभ तिवारी, रुद्र आदर्श पाण्डेय, राजेन्द्र मिश्र, अनिल कुमार, सौरभ मिश्र एडवोकेट, प्रमोद पाण्डेय, जगदम्बा प्रसाद पाण्डेय, अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय शिबलू एडवोकेट सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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