रोगी के निकट सम्पर्कियों में भी हो सकता है टीबी का संक्रमण, उन्हे भी खानी होगी दवा
TB infection can also occur in close contacts of the patient, they will also have to take medicine
गोरखपुर, 21 दिसम्बर। टीबी का उपचार शुरू होने के तीन से चार सप्ताह बाद उसके संक्रमण की आशंका समाप्त हो जाती है, लेकिन गैर उपचारित अवस्था में टीबी का संक्रमण निकट सम्पर्कियों में हो सकता है। यही वजह है कि जिन घरों में टीबी के मरीज निकल रहे हैं उनमें मरीजों को निकट सम्पर्कियों की भी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जिन निकट सम्पर्कियों में टीबी की बीमारी निकलती है उनकी दवा शुरू की जाती है। जिन निकट सम्पर्कियों में इस बीमारी की पुष्टि नहीं होती है उन्हें भी छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खिलाई जाती है।
जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने बताया कि जिले में छह वर्ष से अधिक आयु के 34011 लोगों और छह वर्ष तक के 3593 बच्चों को यह दवा खिलाई जा रही है। साथ ही 441 एचआईवी मरीजों को भी यह दवा खिलाई जा रही है। डीटीओ ने बताया कि जिले में ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी के 390 और ड्रग सेंसिटिव (डीएस) टीबी के 9827 मरीज उपचाराधीन हैं। टीबी का जब भी कोई नया मरीज मिलता है तो उसके निकट सम्पर्की की भी टीबी जांच अनिवार्य तौर पर कराई जाती है। जांच के बाद टीबी न निकलने पर भी बचाव की दवा आवश्यक तौर पर खिलाई जाती है।
एचआईवी मरीज में टीबी की आशंका अधिक होती है इसलिए नया एचआईवी मरीज मिलने पर उसको भी छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खाना अनिवार्य है। डॉ यादव ने बताया कि अगर दो सप्ताह तक लगातार खांसी आए, सीने में दर्द हो, सांस फूल रही हो, तेजी से वजन घट रहा हो, बलगम में खून आता हो और रात में पसीने के साथ बुखार होता हो तो यह टीबी भी हो सकती है। इन लक्षणों के दिखने पर टीबी की जांच जरूर कराई जानी चाहिए। समय से जांच और उपचार न होने पर एक टीबी मरीज दस से बारह लोगों को संक्रमित कर सकता है, जबकि उपचाराधीन मरीज से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
94 फीसदी लोग हुए स्वस्थ
डीटीओ ने बताया कि टीबी का सम्पूर्ण उपचार ले कर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। जिले में पिछले वर्ष उपचार सफतला दर 94 फीसदी रही है। अगर मरीज नियमित दवा का सेवन करें तो वह जल्दी ठीक हो जाएंगे। बीच में दवा बंद करने से डीएस टीबी के डीआर टीबी में बदलने की आशंका बढ़ जाती है और ऐसे मरीजों का उपचार जटिल होता है।
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