पति की भूमिका स्वामी या मालिक की नहीं, एक भागीदार की है
The role of a husband is not that of a master or owner but that of a partner
यूपी डेस्कः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-पत्नी जागीर नहीं है। पत्नी का शरीर उसकी खुद की संपत्ति है। उसकी गोपनीयता और उसके अधिकार अपने हैं। पति उनका मालिक नहीं है। पति विक्टोरियन युग की मानसिकता त्याग दें। अब दौर बदल गया है। पत्नी की सहमति उसके व्यक्तिगत और अंतरंग जीवन के सभी पहलुओं में सर्वोपरि है।
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकल पीठ ने मिर्जापुर निवासी बृजेश यादव की ओर से जिला अदालत में लंबित आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर की है। कोर्ट ने कहा-पति की भूमिका स्वामी या मालिक की नहीं बल्कि एक समान भागीदार की है, जो उसकी स्वायत्तता और व्यक्तित्व का सम्मान करने के लिए बाध्य है। इन अधिकारों को नियंत्रित करने या उनका उल्लंघन करने का प्रयास-चाहे जबरदस्ती, दुर्व्यवहार या अंतरंग विवरणों को बिना सहमति के साझा करने के माध्यम से हो वह विश्वास और वैधता का घोर उल्लंघन है। दरअसल मिर्जापुर की चुनार कोतवाली थाना क्षेत्र में रोशनहर अहरौरा निवासी बृजेश यादव की शादी रामपुर कोलना में हुई थी। बृजेश के खिलाफ नौ जुलाई 2023 को उनकी पत्नी ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि उसके पति ने मुकदमेबाजी की रंजिश में उसके अंतरंग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए हैं। इससे उसकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है।
Post a Comment
0 Comments