भ्रष्टाचार में पहचान बना रहा है सिद्धार्थ नगर का ग्राम पंचायत भटगंवा
तहसील संवाददाता, इटवा (अवधेश मिश्र) सरकार गांव के विकास के लिए चाहे जितनी योजनाएं ले आए मगर धरातल पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ ही जाती हैं। यह बातें ग्राम पंचायत में विकास कार्यों को देखने के बाद हर कोई कह सकता है। सरकारी पैसे का कैसे दुरुप्रयोग होता है यह देखना हो तो ग्राम पंचायतों को करीब से देखना होगा। हम बात कर रहे हैं सिद्धार्थनगर जिले में विकासखंड खुनियाओं के ग्राम पंचायत भटगंवा की। यहा अधिकारियों ने आंख मूद कर भ्रष्टाचार करने का ग्राम प्रधान को लाइसेंस दे रखा है।
कुछ मामलों का हम यहां जिक्र करना चाहेंगे। पहला मामला आरआरसी सेन्टर का है जो अभी अधूरा है। बगल में रखे सेयम ईट इस बात की गवाही दे रहे हैं की अधूरा भवन किस ईट से बना होगा। आरआर सी सेंटर का गडढा खोद कर खुला छोड़ दिया गया है। निर्माण कार्य पूरी तरह सफेद बालू से कराया गया है जो स्वतः उजड़ रहा है। कुल मिलाकर आरआरसी सेंटर भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा हुआ है।
दूसरा मामला सविलियन विद्यालय भटगंवा का है। प्रांगण में बने पोषण वाटिका की स्थिति बहुत खराब है। देखने में ऐसा लग रहा है कि केवल धन निकालने के लिए पोषण वाटिका का निर्माण किया गया है। कोई इसे देखकर सहज ही भ्रष्टाचार का अंदाजा लगा सकता है।
तीसरा मामला सार्वजनिक शौचालय का है। शौचालय की स्थिति बद से बदतर है। बाहर से ताला बन्द है। अगल बगल गंदगी का अंबार लगा है। अंदर तीन-तीन फीट की घास जमी हुई हैं। ऐसा लगता है कि बरसों से इस पर किसी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी या जानते हुए अंजान बने हुए है।
चौथा मामला भटगवा गांव के पूरब बने एग्रो रोड़ का है जो देखने में ऐसा नही लग रहा कि सड़क पटी ही नही है। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया की ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा के सड़कों को ट्रैक्टर से जोतवा कर आदमियों को खड़ा करके हाजिरी लगाने के बाद पैसा निकाल लिया जाता है।
पांचवां मामला गांव में गंदगी का है। चारों ओर अंबार लगा हुआ है। बजबजाती नालियां इस बात की गवाही दे रही है कि गांव में सफाई कर्मचारी सफाई कार्य करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। मौके पर ग्रामीणों द्वारा अपने घर के सामने की नाली को स्वयं को साफ किया जा रहा था।
छठां मामला भटमली गांव का है। यहां नाली निर्माण में केवल सफेद बालू का प्रयोग कर मानक की अनदेखी की जा रही है। नाली कितने दिन चलेगी यह भविष्य के गर्भ में है। ग्रामीणों में सुरेन्द्र पाण्डेय, चंद्रपाल चौधरी, निखिलेश्वर पाण्डेय, राजेंद्र, नागेंद्र, श्रीमुकुंद पाण्डेय आदि का कहना है कि ग्राम पंचायत में ट्रैक्टर से जुतवा कर सरकारी धन का लाभ लिया जा रहा है। यदि जिलाधिकारी इस गांव की जांच कर ले तो बहुत सारे भ्रष्टाचार के मामले सामने आ सकते हैं।
बीडीओ की सुनिये
मामले में बीडीओ से पूछने पर उन्होने कहा मामला मेरे जानकारी में नही है आप द्वारा बताए गये बिन्दुओ की जांच कराते है यदि मामला सही पाया जाता तो कार्यवाही की जाएगी। अरूण कुमार श्रीवास्तव, खण्ड विकास अधिकारी खुनियांव, सिद्धार्थनगर।
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