पुलिस की पिटाई से हुई मौत, एसओ समेत तीन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
बस्ती, 26 मार्च। दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई गांव में नाबालिग आदर्श उपाध्याय की मौत के बाद 24 घण्टा हंगामा होता रहा। घटना को लेकर परिजनों के साथ साथ स्थानीय लोगों का भी गुस्सा फूट पड़ा। दरअसल मारपीट के एक मामले में दुबौलिया पुलिस 24 मार्च को आदर्श को उठाकर थाने लाई थी। दूसरे दिन शाम को परिजन उसे घर ले आई। अचानक उसकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल पहुंचकर उसने दम तोड़ दिया।
इसके बाद अस्पताल पर ही स्थानीय नागरिकों और परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुये प्रदर्शन शुरू कर दिया। समाजसेवी सुदामा पाण्डेय सहित तमाम लोग मौके पर पहुंचे। लोग दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेन्ड कर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। दो थानों की फोर्स और दा क्षेत्राधिकारी हालात पर काबू करने की कोशिश करते रहे लेकिन प्रदर्शनकारियों की जिद के आगे एक न चली।
लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट को भेजा गया तो वहां भी सैकड़ों की संख्या में लोग पहुच गये। भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र ने कड़े तेवर में नजर आये। उन्होने कहा पहले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हो, जांच बाद में होगी। लेकिन प्रशासन का भी रवैया अड़ियल था। पूर्व विधायक चन्द्रप्रकाश शुक्ल भी पहुचें। शाम होत होते जिलाधिकारी कार्यालय और उनके आवास पर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष विशाल गुप्ता और विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक विकास कसौधन सहित अनेक लोग इसमे शामिल थे। सभी प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते नजर आये। सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव भी पीड़ित परिवार का पक्ष लेते रहे।
लास्ट अपडेट
जिलाधिकारी व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री महेश शुक्ला ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर मृतक के पिता ओम प्रकाश उपाध्याय से वार्ता की। निष्कर्ष के रूप में थानाध्यक्ष दुबौलिया उप निरीक्षक जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर, उप निरीक्षक अजय गौड़ व आरक्षी शिवम सिंह के निलंबन तथा दो सदस्यीय मजिस्ट्रियल जांच की टीम द्वारा जांचोपरांत अभियोग पंजीकृत किए जाने की का आश्वासन मिलने के तत्पश्चात धरना समाप्त किया गया। सभी लोग अपने गंतव्य के लिए चले गए। मृतक के पिता व परिजन शव को लेने के लिए मर्चरी हाउस चले गए।
Post a Comment
0 Comments