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कलेक्ट्रेट पर गरजे सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन के पदाधिकारी, समस्याओं के निस्तारण की मांग

कलेक्ट्रेट पर गरजे सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन के पदाधिकारी, समस्याओं के निस्तारण की मांग 
बस्ती, 22 अप्रैल। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन तथा तमाम शिक्षक संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट पर ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों ने पूरी एकजुटता दिखाते हुये नये पेंशन कानून का विरोध दर्ज कराते हुये प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी द्वारा नामित उप जिलाधिकारी सदर शत्रुघ्न पाठक को सौंपा गया। इसके साथ ही कोषागार कर्मी भूपेश विश्वकर्मा को हटाने की पुरजोर मांग की गई।





आरोप है कि भूपेश विश्वकर्मा कर्मचारियों व पेंशनर्स के साथ उचित व्यवहार नही करते और उनको तरह तरह से प्रताड़ित करते हैं। इसको लेकर की गई तमाम शिकायतों को जिलाधिकारी ने गंभीरता से नही लिया जिसको लेकर पेंशनर्स एसोसियेशन में आक्रोश कायम है। धरने का संचालन जिला मंत्री उदय प्रताप पाल ने किया। नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय ने कहा कि अभी तक आठवें वेतन आयोग के गठन की कार्यवाही नही की गई। इसको लेकर कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों में भारी असंतोष और निराशा है। श्री उपाध्याय ने यह भी कहा कि भारत सरकार पेंशनरों की महगाई राहत को भी महंगाई भत्ते से डी लिंक करना चाहती है जो कतई उचित नही है।





पेंशनर्स एसोसियेशन की ओर से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे गये ज्ञापन में फाइनेंसियल बिल 2025 के माध्यम से पेंशनरी नियमों में किये गये बदलाव को तत्काल निरस्त किये जाने, केन्द्रीय आठवें वेतन आयोग के गठन की कार्यवाही पूरी किये जाने, महंगाई राहत को महगाई भत्ते से डी लिंक न किये जाने, देश में एनपीस और यूपीस की व्यवस्था के स्थान पर, कर्मचारियों एवं शिक्षकों को परिभाषित लाभ योजना ओपीएस की प्रदान किये जाने तथा पेंशन के राशिकरण की हो रही कटौती 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष किये जाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई है।




सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन के मीडिया प्रभारी डा. एलके पाण्डेय ने कहा कि धरना प्रदर्शन के दौरान जनपद स्तर की समस्याओं से सम्बन्धित पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया जिसमे कोषागार कर्मी भूपेश विश्वकर्मा का पटल बदले जाने, पेंशनरों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों का समय से निस्तारण किये जाने, चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों का सीएमओ के परीक्षणोंपरान्त मुख्य कोषाधिकारी से पुनः परीक्षण कराये जाने की परंपरा समाप्त किये जाने, पेंशनर कक्ष को पेंशनरों के उपयोग हेतु खाली कराये जाने या कलेक्ट्रेट में पेंशनरों के लिये नये भवन का निर्माण कराये जाने, तथा सेवानिवृत्त अधिकारियों कर्मचारियों का अगले दिन एक वेतन वृद्धि के पात्र रहे लोगों को अभियान चलाकर एक नोशनल वेतन वृद्धि देते हुये पेंशन निर्धारित किये जाने की मांग की गई।




विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामअधार पाल ने कहा पेंशनरों की सभी मागें जायज हैं। आज यूपी सहित समूचे भारत में उपरोक्त मागों को लेकर शासन सत्ता को आगाह किया गया है। समय रहते समस्याओं का निस्तारण नही हुआ तो आने वाले दिनों में कर्मचारी सड़क पर उतरेंगे और स्थितियों असहज हुई तो सरकार जिम्मेदार होगी। धरने को पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के अजय आर्या, प्रान्तीय महामंत्री अनिरूद्ध त्रिपाठी व उपाध्यक्ष मारकण्डेय सिंह, शिक्षक नेता उदयशंकर शुक्ल, शिवपूजन सिंह, वेदप्रकाश मिश्र, आरके पाण्डेय, सुनील पाण्डेय, सहायक कोषाधिकारी सुबाष चन्द्र दूबे, उमेशचन्द्र श्रीवास्तव, बालकृष्ण ओझा, चन्द्रिका ्रसाद सिंह, अशोक मिश्र, विश्वदेव दूबे, प्रेमशंकर लाल श्रीवास्तव, शम्भूनाथ मिश्रा, चन्द्रप्रकाश पाण्डेय, इंजी. देवी प्रसाद शुक्ल, इंजी. रामचन्द्र शुक्ल, सुरेशधर दूबे, छोटेलाल यादव, सुबाष श्रीवास्तव, अंगीरा प्रसाद, मुनीश चन्द्र श्रीवास्तव, सत्सनाम सिंह, दिनेश चन्द्र पाण्डेय, जयनाथ सिंह, जोखू प्रसाद यादव, रामधीरज यादव, जंगबहादुर, जवाहरलाल यादव, सुरेन्द्रनाथ उपाध्याय, श्रीनाथ मिश्र, गणेशदत्त शुक्ल, राजाराम मिश्र, राममिलन चौधरी, विद्याधर दूबे, बुद्धिसागर पाण्डेय, भगवानदास, अब्दुल कलाम, यार मोहम्मद, ताहिर हुसेन, इस्लाम अंसारी आदि उपस्थित रहे।

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