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हैंडीक्राफ्ट व्यापार पर संकट के बादल

हैंडीक्राफ्ट व्यापार पर संकट के बादल 
गौतमबुद्ध नगर, संवाददाता (ओ पी श्रीवास्तव) यदि निकट भविष्य में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य सकारात्मक बात चीत और सहमति नहीं बनी तो वर्तमान समय में भारत से निर्यात होने वाले हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट व्यापार पर संकट के बादल छा जायेंगे। अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ने की प्रबल आशंका है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचेगा।




यह कहना है हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स वेलफेयर संगठन नोएडा के अध्यक्ष सी पी शर्मा का। वे शनिवार को नोएडा मीडिया क्लब में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री से ई मेल भेजकर बात करने की कोशिश की गई है और उन्होंने आगामी बुधवार को संगठन से वार्ता करने हेतु समय भी दिया है। श्री शर्मा ने पारस्परिक शुल्क के संबंध में घोर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पारस्परिक शुल्क 10 þ है। लेकिन यदि भारत और अमेरिका के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाया तो और 17 प्रतिशत बढ़ कर कुल 27 प्रतिशत हो जाएगा।




इसका सीधा असर कीमती रत्न, आभूषण, विद्युत और इलेक्ट्रिकल्स, फार्मास्यूटिकल, खनिज, ईंधन और तेल मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, लौह एवं इस्पात से बने वस्तु तथा वस्त्र और परिधान तथा कार्बनिक रसायन व अन्य परिधान आदि निर्यात किए जाने वाले वस्तुओं पर पड़ेगा। श्री शर्मा ने चिन्तित होकर कहा कि इस मामले में यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट का निर्यात व्यवसाय बन्दी के कगार पर पहुंच जाएगा एवं भारतीय अर्व्यवस्था चौपट हो जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि इस बात की आशंका बहुत ही कम है क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पर हमे पूरा भरोसा है और वे कहीं ना कहीं इस दलदल से हमें निकाल लेंगे तथा भारतीय व्यापार तथा अर्थव्यवस्था पर वे जरा सा भी आंच नहीं आने देंगे।

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