बस्ती, 31 जनवरी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सबसे पहले लोकसभा चुनाव के लिये प्रत्याशियों की घोषणा कर कांग्रेस व दूसरे दलों के सामने चुनौती पेश किया है। अखिलेश ने आगामी चुनाव का माहौल भलीभांति परखते हुये 16 घोषित प्रत्याशियों में 11 ओबीसी पर भरोसा जताया है। उन्हे इस बात का अंदाजा है कि ओबीसी को रिझाने के लिये सभी दल अपने अपने दांव चलेगे।
इससे पहले उन्होने एक कदम आगे बढ़ाते हुये दूसरे दलों को सोचने के लिये विवश कर दिया। ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव ने अपने इस दांव से इण्डिया गठबंधन पर भी दबाव बनाने की कोशिश किया है। उनकी पीडीए यानी (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को पार्टी मं आगे लाने की सोच साफ दिख रही है। निश्चित रूप से उन्हे इसका लाभ मिलने वाला है। अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी से उत्कर्ष वर्मा,
बस्ती जिले में रामप्रसाद चौधरी और बांदा से शिव शंकर पटेल को उम्मीदवार बनाकर कुर्मी वोट बैंक वाले जिले में अन्य दलों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। इसके साथ ही संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, मैनपुरी से डिम्पल यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मन्द्र यादव, उन्नाव से अनू टंडन, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, फर्रूखाबाद से नवलकिशोर शाक्य, अकबरपुर से राजाराम पाल, बांदा से श्विशंकर पटेल, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, अम्बेडकरनगर से लालजी वर्मा तथा गोरखपुर से काजल निषाद को अवसर मिला है।
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