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दरोगा जितेन्द्र सिंह की करतूत का खामियाजा भोग रहा गरीब परिवार- Poor family bearing the brunt of Inspector Jitendra Singh's misdeeds


बस्ती, 13 मार्च।
कोतवाली थाना क्षेत्र के तुरकहिया मोहल्ले में रहने वाला एक गरीब परिवार पूर्व में गांधीनगर चौकी पर तैनात दरोगा की करतूतों की सजा भोग रहा है। एक शादीशुदा महिला अपने 6 मासूम बच्चों के साथ किराये के मकान में रह रही है, मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार चला रही है। दरोगा ने उसे एक साल पहले ससुराल से हुये विवाद में झूठे मुकदमे में फंसा दिया।


पूरा परिवार गहरे अवसाद मे है। तुरकहिया मोहल्ले की खुशबिन्नशां की शादी करीब 18 साल पहले गांधीनगर स्थित रामप्रसाद गली में छोटी मस्जिद के पास रहने वाले अब्दुल्ला ‘गुड्डू’ पुत्र वाहिद अली से हुई थी। खुशबिन्नशां के 6 बच्चे हैं। आरोप है कि 5 साल पहले उसके शौहर व ससुराल के अन्य लोगों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। मामला महिला थाने पहुंचा, सुलह के जरिये तय हुआ कि अब्दुल्ला अपनी पत्नी के साथ रहेगा। लेकिन ऐसा नही हुआ। वह अपने मायके तुरकहिया में 6 बच्चों के साथ किराये के मकान में रहने लगी। एक साल पहले वह अपना हक मांगने ससुराल पहुंची तो उसे फिर मारा पीटा गया।



चाकू से उसका गला काटने की कोशिश की गई। यह सब गांधी नगर चौकी इंचार्ज रहे जितेन्द्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों के सामने हुआ। पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की गई तो उन्टे पीड़ित पक्ष के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया। खुशबिन्नशां का कहना है कि मुश्किल से बच्चों के निवाले और मकान के किराये का बंदोबस्त कर पाती हूं, मुकदमे का खर्च कहां से लाऊं। खुशबिन्नशां का आरोप है कि उसके शौहर के अन्य भाइयों की शादी हुई तो बहुयें अच्छा दहेज लेकर आईं, इसके बाद उसे भी दहेज लाने को कहा जाता रहा और प्रताड़ित किया जाने लगा। जबकि उसके मायके वालों की स्थिति अच्छी नही थी। इसके साथ ही ससुराल में उसे बखरा न देना पड़े इसलिये मारपीट कर निकाल दिया गया। मामला न्यायालय में, खुशबिन्नशां का कहना है कि मुसीबतों का सामना करते करते कहीं हिम्मत जवाब न दे जाये।

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