गोरखपुर, 28 मई। माहवारी स्वच्छता दिवस पर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में मारवाड़ी युवा मंच की उड़ान शाखा के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने परिचर्चा का आयोजन किया। जिला महिला अस्पताल के किशोरी परामर्श केंद्र में किशोरियों को मासिक स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया। दोनों आयोजनों के दौरान माहवारी स्वच्छता के बारे में चर्चा के साथ साथ जनजागरूकता के उद्देश्य से सेनेटरी नैपकीन भी बांटी गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि कार्यक्रमों का उद्देश्य मासिक धर्म संबंधित मिथकों और भ्रांतियों को दूर करना है। प्रेरणा श्री सभागार में आयोजित कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं को प्रेरित किया गया कि वह समुदाय और अपने आसपास की महिलाओं को जागरूक करें कि वह माहवारी के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। मासिक के दौरान प्रतिदिन नहाना है। यह शरीर कि एक सहज प्रक्रिया है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस दौरान पौष्टिक खानपान का विशेष ध्यान रखना है ताकि कमजोरी न आए। खानपान में हरी साग सब्जियों का सेवन करना है।
इस मौके पर एसीएमओ डॉ एके चौधरी, एम्स गोरखपुर के प्रतिनिधि डॉ प्रवीण, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन कुमार गुप्ता, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश, आरकेएसके कार्यक्रम की कंसल्टेंट डॉ अर्चना, वरिष्ठ नर्सिंग स्पेशलिस्ट डॉ ज्योति तिवारी, सहयोगी संस्था की अध्यक्ष मोनिका जालान, पदाधिकारी प्रीति भगत, रीति अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल और विभा प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।
जिला महिला अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार के दिशा-निर्देशन में किशोर परामर्श केंद्र में भी किशोरियों को मासिक स्वच्छता की जानकारी दी गयी और उन्हें पैड दिये गये। साथ में उन्हें साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड की गोली भी दी गयी। उन्हें बताया गया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने से बांझपन, यौन संक्रमण और पेशाब संबंधी जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं। अगर किसी को मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दिक्कत हो तो उसे चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। इस मौके पर किशोर स्वास्थ्य काउंसलर रूपकला समेत अस्पताल के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
बढ़ रही है जागरूकता
सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों से मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। महानगर के बसंतपुर की रहने वाली सोनम (19) बताती हैं कि उन्हें भी माहवारी स्वच्छता की जानकारी नहीं थी। वह खुद कई बार स्कूल में रूमाल का इस्तेमाल कर चुकी हैं। पीएसआई इंडिया संस्था के लोगों ने उनके मोहल्ले में लगातार बैठकें कीं और किशोरी दिवस में बताया कि ऐसा करने से वह बीमार हो जाएंगी और उन्हें संक्रमण भी हो सकता है। इसके बाद उन्होंने सैनेट्री पैड का नियमित इस्तेमाल करना शुरू किया। अब सोनम की शादी हो चुकी है। वह खुद दूसरी लड़कियों को पैड के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
यह भी जानें
मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सैनेट्री पैड को अवश्य बदल देना चाहिए।
कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है, क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है।
किशोरी सुरक्षा योजना के तहत सभी राजकीय स्कूलों में दस से 19 वर्ष तक की किशोरियों को सरकारी खर्चे पर स्कूल द्वारा सैनेट्री पैड देने का प्रावधान है। इसे पाना हर किशोरी का हक है
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