Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

देवरिया पुलिस का कारनामा, नाबालिग को ढूढ़ने के लिये लिये 40 हजार

देवरिया पुलिस का कारनामा, नाबालिग को ढूढ़ने के लिये लिये 40 हजार



देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव)।
देवरिया जिले में एक अपहृत किशोरी को बरामद करने के लिए पुलिस ने पीड़ित मां से रुपये लेकर मुंबई जाने का हवाई जहाज का किराया वसूला और टिकट बुक कराए। इसके बाद वापस लौटने के लिए ट्रेन के टिकट भी मां से ही वसूले। इसके साथ ही खर्चे के लिए अलग से छह हजार रुपये ले लिए। 


इस प्रकार योगी सरकार की पुलिस ने एक गरीब मां से करीब चालीस हजार रुपए रूपए खर्च कराकर उसकी नाबालिग बेटी को बरामद किया। हालांकि यह मामला लगभग एक माह पुराना है लेकिन शिकायत मिलने पर पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने सी ओ सिटी संजय कुमार रेड्डी से इसकी जांच कराई और दोषी पाए जाने पर केस के विवेचक एसआई लक्ष्मी नारायण पाण्डेय को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। इस संबंध में पुलिस प्रवक्ता दीपक कुमार ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि देवरिया जिले के बघौचघाट थाना अंतर्गत एक गांव का युवक प्रेम जाल में फंसा कर किशोरी को भगा ले गया था। 


मां ने थाने पहुंचकर बेटी की बरामदगी की गुहार लगाई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जब मामले की जांच की तो किशोरी की लोकेशन मुंबई में मिली। आरोप है कि केस के विवेचक ने मां से करीब 22,200 रुपये में लखनऊ से फ्लाइट का टिकट बुक कराया। इसके बाद वापसी के लिए करीब सात हजार रुपये के ट्रेन के टिकट भी मां से बनवाए। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि यही नहीं वहां आने-जाने में होने वाले खर्च के लिए भी पीड़िता की मां से करीब छह हजार रुपये की नगदी भी विवेचक ने ली। पीड़ित निर्धन महिला ने खेत बेचकर रूपए की व्यवस्था की। पीड़ित महिला ने समस्त प्रकरण से पुलिस अधीक्षक से जून माह में शिकायत की। 


महिला ने एक दरोगा, एक महिला सिपाही तथा एक पुरुष सिपाही के ऊपर आरोप लगाया था। प्रवक्ता का कहना है कि 17 जून को पुलिस वाले ट्रेन से महिला के खर्चे से लखनऊ गए। इसके बाद लखनऊ से 18 जून को फ्लाइट से मुंबई पहुंच गए। 19 को जून को महिला के भेजे पैसे से ट्रेन के टिकट कराए और 21 जून को वापस आ गए। मुंबई जाने वालों में दरोगा लक्ष्मी नारायण, महिला कांटेबल वंदना यादव एवं सिपाही रूपेश यादव शामिल थे। पुलिस प्रवक्ता ने बताय कि केस के विवेचक ने किशोरी को बरामद करने हेतु मुंबई आने जाने के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचना दिए बगैर ही अपने स्तर से समस्त कारवाही की जो नियम के विपरीत है। इसलिए उनको निलंबित कर दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि साथ में गए महिला एवं पुरुष सिपाही के खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की गई ? प्रवक्ता का जबाब था कि जाच में वे दोनो दोषी नहीं पाए गए।

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Below Post Ad

 

 

Bottom Ad