मोहित अपहरण कांड में पुलिस की थ्योरी समझ से परे, पनप रहा जनाक्रोश
बस्ती, 14 जुलाई।बस्ती शहर से हुये मोहित यादव अपहरण मामले में पूलिस ने 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। लेकिन मोहित यादव का पता लगा पाने में पुलिस नाकाम रही। 48 घंटे बाद भी पुलिस कुछ स्पष्ट कह पाने की स्थिति में नही है। जिन 4 अभियुक्तों को जेल भेजा गया है उनमे मुख्य अभियुक्त का नाम नही है। भाजपा नेता के बेटे आदित्य विक्रम सिंह का नाम मुख्य अभियुक्त के रूप में सामने आया था।
दबी जुबान से लोग यह भी कह रहे हैं कि वह किसी भाजपा की नेता की सरपरस्ती में सुरक्षित है। लेकिन पुलिस वहां तक पहुचने का साहस नही जुटा पा रही है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने धरना देकर पुलिस और जिला प्रशासन को आगाह किया कि मोहित यादव की सकुशल बरामदगी नही हुई तो आन्दोलन का उग्र रूप भी देखने को मिलेगा। धरने में सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने मोर्चा संभाल रखा है। सांसद रामप्रसाद चौधरी खुद धरने में पहुचे। मामले को लेकर परिजनों के साथ साथ स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति काफी नाराजगी है। रविवार को पुलिस ने जिन चार युवकों को गिरफ्तार किया उनमें मोनू जायसवाल, अमन गुप्ता, करन जायसवाल, सादिक शामिल हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों से हुई पूछताछ के बारे में बताया गया कि मोहित यादव ने सत्यम को धोखे से बुलाकर उसका एक अश्लील वीडियो बना लिया था जिससे वह उसे ब्लैकमेल करता रहता था। इसी वीडियो को हटवाने के लिए युवकों ने मोहित का अपहरण कर लिया था। सवाल यह उठ रहा है कि जब अभियुक्तों से पुलिस इतना पता लगाने में सफल रहीं तो फिर मोहित यादव की बरामदगी क्यों नहीं कर पाई और मोहित कहां और किस हाल में है ? मामला 12 जुलाई दोपहर 12 बजे का है। मोहित यादव मोहल्ले में किराये के मकान में था तभी 10-15 बदमाश उसके आवास पर पहुंचे और कुछ बाहर तो कुछ कमरे के भीतर दाखिल हुए। उन्होने मोहित को पहले पीटा। इसके बाद उसे बाइक पर उठाकर चले गए। पूरी घटना मकान के पास की गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर मोहित को सकुशल बरामद करने के लिए 10 टीमें लगाने की बात कर रही है, लेकिन अभी तक मोहित का कोई सुराग नहीं लगा है।
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