अवैध निर्माण ही नही कानून व्यवस्था को भी ध्वस्त कर रहा बुलडोजर, महत्वहीन हो रही अदालतें
Bulldozer is destroying not only illegal construction but also law and order, courts are becoming unimportant.
किसी ने चू करने की भी हिम्मत नही की। प्रशासन का दावा है कि कॉम्प्लेक्स तालाब और चकरोड पर अवैध तरीके से बनाया गया था। इसका नक्शा भी पास नहीं था। हैरानी इस बात की है कि रेप केस में नाम आने के बाद अफसरों को जानकारी हुई कि यह निर्माण अवैध है। आपको बता दें अब से ठीक 19 दिन पहले सपा नेता की 3000 वर्ग फीट पर बनी बेकरी पर बुलडोजर चला था। अयोध्या में बच्ची से 12 जुलाई को रेप का मामला सामने आया था। मामले में पुलिस ने सपा नेता मोईद और उसके नौकर राजू को गिरफ्तार किया था।
सीएम योगी ने खुद घटना का जिक्र विधानसभा में किया था। गैंगरेप पीड़िता 7 माह की गर्भवती थी, उसका अबॉर्शन हो चुका है। घर पर 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी उसकी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। रेप का आरोपी 65 साल का मोईद अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद का करीबी बताया जा रहा है। यहा इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि देशभर में महिलाओं और बच्चियों संग आये दिन हैवानियत हो रही है, लेकिन अयोध्या से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री खुद रूचि ले रहे हैं। काश! इसी तरह बगैर जाति धर्म देखे बेटियों संग दरिंदगी करने वालों की हैसियत जमींदोज होने लगती तो बेटियां वाकई सिर उठाकर चल सकेंगी और दरिंदगी करने वालों की घटना को अंजाम देने से पहले रूह कांप उठेगी।
इसका उल्टा जाति धर्म के आधार पर यूं ही फैसले होते रहेंगे तो किसी कीमत पर कानून व्यवस्था बेहतर नही हो सकती, सिर्फ नफरत ही फैल सकती है। आपको याद होगा देश के लिये मेडल लाने वाली महिला पहलवानों ने जिनके ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया उनके घर तक बुलडोजर नही पहुंचा, बीएचयू आईआईटी कैम्पस में छात्रा संग दरिंदगी करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के घर बुलडोजर नही पहुंचा, कोलकाता, उत्तराखण्ड सहित अनेक स्थानों पर बलात्कार की घटनायें हुईं लेकिन आरोपियों के घर बुलडोजर नही पहुंचा। वीभत्स तरीके से बलात्कार को अंजाम देने वाले बिलकिस बानो के 11 दोषियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया। नेताओं, राजनीति दलों और जनता को इस बात का अहसास है या नही हम नही जानते लेकिन एक बात बिलकुल पक्की है ये बुलडोजर न केवल अवैध मकानों को ध्वस्त कर रहा है बल्कि देश प्रदेश की कानून व्यवस्था को भी ये बुलडोजर सरकारी खर्चे पर रौंद रहा है। देश की करीब 18 हजार निचली अदालतें महत्वहीन हो जा रही हैं। एक वक्त आयेगा जब वक्त खुद इस बात का अहसास करा देगा।












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