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शिवसेना विधायक ने बोली नफरती भाषा ‘’राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को देंगे 11 लाख’’

शिवसेना विधायक ने बोली नफरती भाषा ‘’राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को देंगे 11 लाख’’ 

Shiv Sena MLA spoke hateful language, "Will give 11 lakhs to the person who cuts Rahul Gandhi's tongue"

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने उकसाया
नफरती भाषा से बाज नही आ रहे नेता



नेशनल डेस्कः
राजनीति में नफरती भाषा ने अपना अच्छा खासा मुकाम बना लिया है। हर कोई फासर ब्राण्ड लीडर बनने की चाहत और वोट बैंक की राजनीति में जहर उगल रहा है। कोई सिर काटकर लाने वाले को इनाम देने की घोषणा करता है तो जुबान काटकर लाने को प्रेरित करता है। ताजा मामले में शिवसेना विधायक ने राहुल गांधी की जुबान काटकर लाने वाले को 11 लाख देने की घोषणा की है। ये बोल संजय गायकवाड़ हैं।


उन्होने कहा आरक्षण व्यवस्था खत्म करने के राहुल गांधी के बयान पर जो कोई भी उनकी जीभ काटेगा, उसे वह 11 लाख रुपए देंगे। संजय गायकवाड़ ने कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिस तरह का बयान दिया है, उससे कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है। लोकसभा चुनाव में उन्होंने झूठ फैलाकर वोट लिए कि संविधान खतरे में है, भाजपा संविधान बदल देगी और आज अमेरिका में उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने जो आरक्षण दिया था, उसे खत्म कर देंगे। उनके मुंह से ऐसे शब्द निकले हैं. जो कोई उनकी जीभ काटेगा, मैं उसे 11 लाख रुपए दूंगा।“  


यह पहली बार नहीं है जब विदर्भ क्षेत्र में बुलढाणा विधानसभा सीट से विधायक गायकवाड़ विवादों में आए हैं। पिछले महीने एक पुलिसकर्मी के शिवसेना विधायक की कार धोते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। गायकवाड़ ने बाद में कहा था कि पुलिसकर्मी ने कार में उल्टी कर दी थी और बाद में अपनी मर्जी से गाड़ी साफ की थी। गायकवाड़ ने फरवरी में दावा किया था कि उन्होंने 1987 में एक बाघ का शिकार किया था और उसका दांत उन्होंने अपने गले में पहन रखा है। इसके तुरंत बाद राज्य के वन विभाग ने बाघ के कथित दांत को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था तथा गायकवाड़ पर वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज किया था।


जानिये क्या कहा था राहुल ने

बता दें कि 9 सितंबर को, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण को खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब भारत एक “निष्पक्ष स्थान“ बन जाएगा, जो कि ऐसा नहीं है। कांग्रेस नेता वाशिंगटन, डीसी में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने जाति जनगणना कराने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी ओबीसी, दलित और आदिवासी का देश में उचित प्रतिनिधित्व नहीं होना “कमरे में हाथी“ है। राहुल गांधी ने कहा, “कमरे में हाथी है। जब हम संस्थानों, व्यवसायों और मीडिया पर कब्जे की बात करते हैं, तो कमरे में हाथी यह है कि भारत के 90 प्रतिशत ओबीसी, दलित, आदिवासी खेल का हिस्सा ही नहीं हैं। यही कमरे में हाथी है।“ 

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