हाई कोर्ट का फैसलाः झूठा वादा कर शारीरिक सम्बन्ध बनाना रेप माना जायेगा
High Court's decision: Having physical relations by making false promises will be considered rape.यूपी डेस्कः झांसा देकर महिला से संबंध बनाना रेप माना जाएगा। इलाहाबादा हाईकोर्ट ने एक निर्णय में कहा है कि कोई व्यक्ति भले ही महिला की सहमति से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता हो, लेकिन यदि महिला भयभीत या भ्रमित होकर सहमति देती है तो ऐसे संबंध को दुष्कर्म ही माना जाएगा। न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने यह टिप्पणी करते हुए आगरा के राघव कुमार नामक एक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी।
राघव ने दुष्कर्म के मुकदमे को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट पहुंचे थे। मामला 15 नवंबर 2018 को महिला पुलिस स्टेशन आगरा में एक महिला द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं, जिनमें 376 (बलात्कार), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं, के तहत मामला आगरा में दर्ज किया गया था। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों ने धमकियों और झूठे वादों का उपयोग करके उसकी असहमति के बावजूद उसे यौन संबंध बनाया। शिकायतकर्ता, जो एक उच्च शिक्षित महिला है।
उसने दावा किया कि आरोपी ने उसे धोखा दिया और यौन इच्छाओं की पूर्ति हेतु उसका शोषण किया और फिर ब्लैकमेल करता रहा। एफआईआर के अनुसार, आरोपी और शिकायतकर्ता पूर्व सहपाठी थे और कई वर्षों से एक-दूसरे को जानते थे। 2016 में आरोपी के परिवार ने विवाह का प्रस्ताव रखा, जिसे शिकायतकर्ता ने अस्वीकार कर दिया। इसके बावजूद आरोपी ने संपर्क बनाए रखा और बाद में उसे अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर अपने घर बुलाया। उसे चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश कर दिया। जब वह होश में आई, तो उसने खुद को नग्न पाया और पता चला कि उसकी नग्न तस्वीरें ली गई थीं। आरोपी और उसके परिवार ने इन तस्वीरों का उपयोग उसे ब्लैकमेल करने और यौन संबंध बनाने के लिए किया। इनकार करने पर तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी दी।
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