एनकाउंटर नहीं, हत्या हुई है मंगेश यादव की Mangesh Yadav was murdered, not an encounter.
×
राय ने मंगेश यादव के परिजनों से मुलाकात कर उन्हे ढांढस बंधाया और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा को मंगेश यादव का पुलिस ने एनकाउंटर नहीं, हत्या की है। उन्होंने एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताया और कहा इसकी जांच परिवार के लोग जैसा चाहते हैं, वैसी होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया, ‘‘मंगेश अपने मां बाप का इकलौता बेटा था और योगी जी कह रहे हैं कि हमने ’डकैत’ को मारा है, तो क्या डकैत, डकैती करके अपने घर पर सोएगा।’’ उन्होंने कहा, ’’यदि वो डकैती करता तो क्या अपने घर पर सोता।
इसकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए, जिससे मामला साफ हो और यही परिवार वालों की भी मांग है।’’ राय ने आरोप लगाया, ’’यह पूरी तरह से हत्या का मामला है और जो भी इनके खिलाफ खड़ा हो रहा है उसकी हत्या कराई जा रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ’’जितने भी अपराधी हैं वह सब इस समय भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं मंत्री बने हुए हैं।’’ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया, ’’सरकार की तरफ से दबाव बनाकर अधिकारियों से काम करवाया जा रहा है, जिस एसटीएफ के अधिकारी ने एनकाउंटर किया उसकी पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है।
सरकार पूरी तरीके से अपनी मनमानी कर रही रही है।’’ राय ने कहा, ’’पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और हमारी पार्टी द्वारा जो भी संभव मदद होगी कराई जाएगी।’’ गौरतलब है कि सुलतानपुर जिले में पिछले महीने 28 अगस्त को एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से करीब डेढ करोड रुपये के जेवरात लूटे जाने के मामले में पुलिस ने मंगेश यादव समेत अन्य कई को आरोपी बनाया और यादव की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था। उप्र पुलिस एसटीएफ ने पांच सितंबर को मंगेश को एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था।
पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति में क्या था
पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में बदमाशों को तीन ग्रुप में बांटकर दिखाया गया था। इसमें विपिन सिंह, फुरकान ऊर्फ गुर्जर, अरबाज, सचिन और पुष्पेंद्र ने आभूषण दुकान की रेकी किया था। मंगेश यादव ने जौनपुर में बाइक चोरी की थी। पहले ग्रुप में पुष्पेंद्र सिंह, त्रिभुवन व सचिन थे। सचिन ने पुष्पेंद्र के सहयोग से त्रिभुवन को बोलेरो की व्यवस्था कराई थी जिससे घटना के बाद रायबरेली भागना था। दूसरे ग्रुप में विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अजय यादव, अरविंद यादव, विवेक सिंह, दुर्गेश प्रताप सिंह शामिल थे, जो घटनास्थल के आसपास अन्य साथियों को बैकअप दे रहे थे। तीसरे ग्रुप में अनुज प्रताप, फुरकान, अरबाज, मंगेश यादव व अंकित यादव थे जो लूटपाट करने दुकान के अंदर गए थे।
Post a Comment
0 Comments