लेखपाल पर दलितों की भूमि हड़पने का आरोप Accountant accused of grabbing land of Dalits
जिलाधिकारी समेत उच्चाधिकारियों को भेजे पत्र में सुशील कुमार ने कहा है कि जनपद में अनुसूचित जाति के लोगो की जमीने खरीदने के नियमो का दुरुपयोग कर जबरन अनुसूचित जाति के लोगो की जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है और कम दामों पर खरीद कर फिर उसको अधिक मूल्यों पर बेचा जा रहा है। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव इस खरीद-बिक्री में मुख्य रूप से सक्रिय है। पत्र में कहा गया है कि लेखपाल सतीश श्रीवास्तव का रसूख ऐसा है की शिकायते होती रहती है और स्थानांतरण विभिन्न ब्लाकों में होता रहता है लेकिन वो हमेशा जनपद बस्ती मुख्यालय के तहसील में ही बैठे रहते है।
लेखपाल सतीश श्रीवास्तव अनुसूचित जाति के लोगो की जमीने खरीदने के नियमो का दुरुपयोग कर के जबरन अनुसूचित जाति के लोगो की जमीनों पर कब्जा करने के लिए अपने रिश्तेदारो को लगाए है जिनके नाम है शिवम् श्रीवास्तव और संदीप श्रीवास्तव हैं। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव ने शिवम् श्रीवास्तव को अपने साथ तहसील के कार्यालय में रखा है रिश्तेदार संदीप श्रीवास्तव को जिला तहसील कार्यालय के बाहर रेकी और कस्टमर बुलाने के लिए रखा है। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव अनुसूचित जाति के लोगो की जमीने खरीदने के नियमो का दुरुपयोग कर के जबरन अनुसूचित जाति के लोगो की जमीनों पर कब्जा कर कम दामों पर खरीद कर फिर उसको अधिक मूल्यों पर बेचने के लिए लिए रिश्तेदार संदीप श्रीवास्तव और अन्य के नाम पर बैनामा रजिस्ट्री कराते है और एक-दो साल में उसको बेच कर किनारे हो जाते है।
लेखपाल सतीश श्रीवास्तव ने रिश्तेदार संदीप श्रीवास्तव के नाम पर बस्ती जनपद के सदर ब्लॉक के ग्राम पिपरा रामकिशुन में खाता संख्या 00043 को अनुसूचित जाति की जमीन चार लाख रूपये में खरीदी गयी और सत्रह लाख बेचीं गयी। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव के रिस्तेदार संदीप श्रीवास्तव ने जो जमीन अपने नाम बैनामा करवाया है वो जमीन एक जरूरत मंद अनुसूचित जाति की विधवा महिला है। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव उनके रिश्तेदार संदीप श्रीवास्तव ने पैसे की किल्लत झेल रही अनुसूचित जाति की विधवा महिला का फायदा उठा कर मात्र चार लाख रुपये में जमीन खरीदी और ऊपर से उसमे से भी अनुसूचित जाति की जमीन खरीदने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के लिए रिश्वत के नाम पर एक लाख पचास हजार रुपये लेकर शोषण किया। उक्त अनुसूचित जाति की विधवा महिला डर के मारे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
पत्र में हार्टलैंड ह्यूमन राइट फाउन्डेशन के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा है कि लेखपाल सतीश श्रीवास्तव के बड़े भाई प्रहलाद श्रीवास्तव भी लेखपाल थे जो अब सेवानिवृत्त हो गए है। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव के बड़े भाई प्रहलाद श्रीवास्तव भी यही कार्य करते थे और पद का दुरुपयोग कर के अन्य गड़बड़िया भी किया जिसके चलते जेल भी काट आये है। लेखपाल सतीश श्रीवास्तव के बड़े भाई प्रहलाद श्रीवास्तव ने ही लेखपाल सतीश श्रीवास्तव को नौकरी दिलवाई थी और नौकरी भी गलत तरीके से दिलवाई गयी है जिसकी जाँच होना चाहिये।
लेखपाल सतीश श्रीवास्तव के बड़े भाई प्रहलाद श्रीवास्तव के ऊपर कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज है। इसी प्रकार से लेखपाल सतीश श्रीवास्तव अपने परिवार रिस्तेदार के साथ मिल कर भूमाफिया गिरोह चलाते है अनुसूचित जाति के लोगो की जमीने खरीदने के नियमो का दुरुपयोग कर साथ ही अपने पद का दुरुपयोग कर के खतौनियों में खेल करते है। सुशील कुमार ने मांग किया है कि लेखपाल सतीश श्रीवास्तव की और आय से अधिक सम्पति अर्जित करने की जाँच किया जाय, विभागीय जाँच करा कर तत्काल प्रभाव से जमीन की खरीद फरोख्त की जाँच किया जाय और दाखिल खारिज को रोक कर बैनामा रजिस्ट्री को निरस्त किया जाय। इस सम्बन्ध में लेखपाल सतीश श्रीवास्तव का पक्ष प्राप्त नहीं हो सका है।
Post a Comment
0 Comments