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प्रैक्सिस विद्यापीठ ने जागरूकता कार्यक्रम कर बताया HMPV वायरस से बचने का उपाय

प्रैक्सिस विद्यापीठ ने जागरूकता कार्यक्रम कर बताया HMPV वायरस से बचने का उपाय
Praxis Vidyapeeth organized an awareness program and told the ways to avoid HMPV virus

रुधौली, बस्ती। कस्बे में स्थित प्रैक्सिस विद्यापीठ के बच्चों ने एचएमपीवी वायरस को लेकर जागरूकता अभियान चलाया। कोरोना के बाद नये वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर देश भर में चिंता का माहौल बन गया है। चीन में इसके बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग भयभीत है। भारत में अब तक कल 16 मामले भी सामने आ चुके हैं जिनमें ज्यादातर 1 साल से कम उम्र के बच्चे प्रभावित हैं।


जानकारों की मानें तो बच्चों के लिए एचएमपीवी वायरस कुछ ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि यह वायरस सिर्फ बच्चों में ही नहीं बल्कि बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों को भी आसानी से अपनी चपेट में ले रहा है। इसलिए इस वायरस से बचाव करना बहुत जरूरी है। प्रैक्सिस विद्यापीठ के बच्चों ने नगर पंचायत रुधौली सहित अन्य जनपदों में नुक्कड़ सभा के माध्यम से एचएमपीवी वायरस के बारे में बताया। एचएमपीवी से होने वाली बीमारियों के लक्षण आमतौर पर फ्लू जैसे होते हैं लेकिन कुछ मामलों में यह निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसे भी हो सकते हैं। इसलिए बच्चों में अलग फ्लू निमोनिया जैसे लक्षण नजर आए तो तुरंत सावधान हो जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। 



क्योंकि वयस्कों की तुलना में उनका सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए इनमें भी इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। अगर खांसी,जुकाम, बुखार या फ्लू जैसे कोई भी लक्षण नजर आए तो इसे हल्के में ना ले और फौरन डॉक्टर से जांच करवाए। प्रैक्सिस विद्यापीठ रूधौली के बच्चों ने बताया कि वायरस से लड़ने के लिए अभी तक कोई स्पेशल वैक्सीन या दवा नहीं है। इसलिए इससे बचाव करना ही इससे निपटने का मूल मंत्र है। यह वायरस खांसी के ड्रॉप्लेट्स से फैलता है। इसलिए हाथों और आस-पास की चीजों की सफाई रखना जरूरी है। बार-बार साबुन से हाथ धोएं और बच्चों को गंदे हाथों से न छुएं। बच्चों के बिस्तर की साफ-सफाई रखें। बीमार लोगों से दूर रहें। 


घर से बाहर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। खांसते या छींकते समय टिश्यू या रुमाल का इस्तेमाल करें। घर के अंदर वेंटिलेशन का खास ख्याल रखें। फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। भीड़-भाड़ वाली जगह पर न जाएं। डॉक्टर से बिना पूछे किसी भी तरह की दवा न लें। बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर, खुद से कोई घरेलू इलाज न करें। प्रैक्सिस विद्यापीठ विद्यालय के प्रबंधक सुशांत कुमार पाण्डेय ने बताया कि पिछले कुछ वर्ष पूर्व कोरोना महामारी फैलने पर विद्यालय के बच्चों ने नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया था। इसके बाद विभिन्न संस्थाओं ने इस कार्यक्रम को सराहा था। 


श्री पाण्डेय ने बताया कि भारत में बहुत कम संस्था है जिसके द्वारा वायरस को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ’प्रैक्सिस विद्यापीठ रूधौली का उद्देश्य ग्रामीण अंचल में लोगों को जागरूक करना है। भविष्य में हम अन्य संस्थाओं को भी आपस में जोड़कर सिर्फ पूर्वांचल के जिलों में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में ऐसे कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने का लक्ष्य रखेंगे। विद्यालय के संरक्षक परशुराम पाण्डेय ने बताया कि इस विद्यालय के अध्यापकों ने भारत को कई इंजीनियर और डाक्टर दिए है जिसमें बच्चे भारत के कोने कोने से आकर रहकर पढ़ाई करते है। इस मौके पर विद्यालय परिवार के बच्चों ने पलक, विष्णु प्रताप चौधरी, रिशेंद्र, अमर, नीरज इंद्रमणि, सिद्धार्थ, पवन, अभय प्रताप, अभिनय, शुभम, शिवांशु, फैजान, आदित्य, अमन, शिवम, सुंदरम, आनंद, आदर्श, अश्वनी, सूर्यांश, विकास कृष्ना वर्मा, अखिलेश, मनीष, अमरमणि, सहित अध्यापक और अभिभावक मौजूद रहे।

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