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डा. अशोक श्रीवास्तव को याद कर नम हुई हजारों आखें

डा. अशोक श्रीवास्तव को याद कर नम हुई हजारों आखें
गोरखपुर, 31 मार्च।
छात्र, युवा, राष्ट्र समाज हितों के लिए अपने पूरे जीवन को समर्पित करने वाले भाई डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव की छठवीं पुण्यतिथि पर उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। उन्होने छात्र राजनीति के जरिये अपनी जो पहचान बनायी, वह मुकाम राजनीति में भी स्थापित हुआ। राष्ट्रहित, समाज हित में पार्टी लाइन से भी ऊपर भी वे चिंतन करते रहे।



समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। उक्त विचार एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह व् महापौर डा मंगलेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किए। लोकप्रिय समाजसेवी राज नेता रहे डॉक्टर अशोक कुमार श्रीवास्तव के जीवन पर भी प्रकाश डालते हुए इनको सच्चा समाजसेवी व पूर्वांचल का गौरव बताया। विद्यार्थी, खिलाड़ियों, गरीबों, असहाओ जरूरतमंदों की मदद करना मानव जीवन का सबसे बड़ा धर्म है, ऐसा कार्य हर सामाजिक व्यक्ति को करना चाहिए। 


उक्त वक्तव्य विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र सिंह, गोरखपुर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, एमलसी धर्मेंद्र सिंह, दर्जा प्राप्त मंत्री पुष्प दंत जैन, विद्या मंदिर के संस्थापक शिवजी सिंह व पूज्य बाबूजी श्री दुर्गा प्रसाद ने डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव फैंस एसोसिएशन व् राष्ट्रीय सेवा परिषद के संयुक्त तत्वधान में आयोजित भजन, श्रद्धांजलि व भंडारा के कार्यक्रम में कहा। कार्यक्रम की शुरुआत सभी उपस्थित जनों ने लोकप्रिय समाजसेवी व जन राजनेता डॉ अशोक श्रीवास्तव के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर किया। तत्पश्चात सुप्रसिद्ध भजन गायक ओमप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में भजन आदि का मनमोहक प्रस्तुति की गई।


गरीब असहायओ में भोजन आदि का वितरण किया गया। इसी क्रम में सभी उपस्थित जनों ने डॉ अशोक के जीवन पर प्रकाश डाला। गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष विश्वकर्मा द्विवेदी, राधेश्याम सिंह, भानु प्रताप सिंह दिनेश चंद्र त्रिपाठी, डॉ रूप कुमार सिंह, श्रीकांत मिश्रा, अरुण कुमार सिंह, मनीष सिंह ने कहा छोटी-छोटी बातें पर, समुद्र की गहराइयों जैसी विशाल अर्थ, छोटी एवं कृशकाय तन पर हिमालय सरीखे व्यक्तित्व के धनी थे अशोक श्रीवास्तव। सरलता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति हमारे कुल वंशज पर जितना गर्व करें, उतना कम होगा होगा। समाजवादी चिंतक उदयभान पटेल, डा चितरंचन जी, रामसमुछ पूर्व इनकम टैक्स कमिश्नर, प्रयागराज छात्र संघ के अध्यक्ष केशव यादव ने कहा कि बड़े भैया बाहर से विनम्र परंतु अन्दर से चट्टान की तरह दृढ़ थे।


निगम पार्षद गण धर्मेंद्र सिंह, गुरफान साजू, माटी उद्दीन मतीन, शिवाजी शुक्ला, विंन्ध्यवासनी जयसवाल ने कहा कि आज हमारा समाज जिस दौर से गुजर रहा है, क्या हमारे पूर्वजों ने ऐसी कल्पना भी की होगी ? व्यापारी नेता मक्खन लाल गोयल, नवल किशोर नथनी, विशाल गुप्ता ने कहा कि किसी व्यक्ति मे एक साथ इतनी विशेषताएँ दुर्लभ है। इसी क्रम में प्रसिद्ध चिकित्सक डा संतोष रे, डा मेजर, अमित, गौरव पांडे, नेत्र विशेषज्ञ दुर्गेश, डा पंखुड़ी, डॉ सोहन गुप्ता, डॉ पी सी, डा गौरव पांडेय, सरकारी वकील विवेक सरकारी, सौरभ श्रीवास्तव, रत्नाकर सिंह, रामेंद्र कांत मिश्रा, दीपक सिंह व अजीत नाथ चौधरी, गोपाल जी ने कहा हमे इस पवित्र महान व्यक्तित्व के स्मृति में कई सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमो को मूर्त रुप देना है।                                               


इस अवसर सेडिका पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल पीके सैमुअल, पी डी सुभाष, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा अमित सिंह श्रीनेत, डा अनिल श्रीवास्तव, पी डी सुभाष, पी के समुल्याल, महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी, विष्णु सिंह, हरे कृष्ण सिंह, संजीव सिन्हा, फादर बिन्नी, फादर दिसावर, अनुज, अनिरुद्ध  राही, रामराज प्रसाद, व्यापार मंडल अध्यक्ष अजय जैसवाल, सरकारी वकील सौरभ, गोजए के अध्यक्ष एडवोकेट रत्नाकर सिंह,विजय कुमार श्रीवास्तव, नीरज शुक्ला, लिस्बन गाजी, अरुण श्रीवास्तव, राजू वर्मा, नीरज वर्मा, विनोद सिंह, अवधेश सिंह, आशीष गुप्ता, दुर्गेश पांडे, वासुदेव तोलानी, निर्मल श्रीवास्तव व्यापार संघ के अध्यक्ष मढ़ीनाथ गुप्ता, डॉ, किरन, श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव, संगीता, भावना, निवेदिता, स्मिता, मनीषा, अनीता, मनीष चंद, राजेश सिंह, आशीष, विवेक श्रीवास्तव, पंकज सिंह, सत्यम सिंह, रंजीत ,मुकेश गुप्ता, अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव, जीतेन्द्र पाल, सुरेंद्र यादव, आर पी श्रीवास्तव, दीपक, अरुण श्रीवास्तव, मंजीत कुमार, ई अनुभव आदि लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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