केवल हाजिरी लगाने आते हैं गुरूजी
बनकटी, बस्ती (बीपी लहरी) परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की निरंकुशता और मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है। वावजूद इसके कार्यवाही करने की बजाय जिम्मेदार गुनहगारों को बचा रहे हैं। मंगलवार को मीडिया टीम ने बनकटी ब्लाक के परिषदीय स्कूलों की पड़ताल शुरू किया जिसमें नौ बजे प्राथमिक विद्यालय लहरी का गेट बन्द मिला।
09 बजकर 20 मिनट पर परिषदीय स्कूल कटौंधा का ताला खुला था जहां एक रसोइया समेत चार-पांच बच्चे मौजूद थे। लेकिन शिक्षक गायब रहे। दस बजे जूनियर हाईस्कूल इटहर में अनुचर को छोड़कर प्रधानाध्यापक रवीन्द्रनाथ चौधरी और बच्चे गायब रहे। यह एकल विद्यालय बताया गया। पूंछने पर अनुचर भूपाल मणि गौतम ने बताया कि पंजीकृत बच्चों की संख्या 52 है। कुछ देर में बच्चों के आने की सम्भावना है। जबकि नाम न छापने की शर्त पर अनेक ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की संख्या फर्जी दर्शाकर मिड-डे-मील योजना का धन वर्षों से हड़प किया जा रहा है। जबसे प्रधानाध्यापक रवीन्द्रनाथ तैनात हैं, वे सिर्फ हाजिरी लगाने की नीयत से ही स्कूल आते हैं। जो सर्व विदित है लेकिन कार्यवाही की जद से बाहर हैं।
नीचे से लेकर उपर तक के अधिकारी प्रधानाध्यापक से मैनेज हैं। सूत्रों पर विश्वास करें तो विकास क्षेत्र में लगभग चार दर्जन से अधिक कामचोर पुरुषों के अलावा महिला शिक्षक परिषदीय स्कूलों में तैनात हैं जो बगैर ड्यूटी किये विभागीय सांठगांठ की बदौलत वेतन का आहरण कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि जब अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तो गुनहगारों के विरुद्ध कार्यवाही कौन करेगा ?.आरोपों के मामले में अनेक बार सम्पर्क कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार से विभाग का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो हमेशा की तरह उन्होंने काल रिसीव करना गुनाह समझा। ऐसे अधिकारी के हाथ में परिषदीय स्कूलों की बागडोर है तो निरंकुशता आश्चर्यजनक नही है।
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