जनता और मीडिया को मुख्य सचिव से मिलने से रोका
गौतमबुद्ध नगर, संवाददाता (ओ पी श्रीवास्तव)। प्रदेश में कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जो आमतौर पर सामान्य जनता से मिलने एवं सम्पर्क करने में कोताही बरतते है तथा मीटिंग के नाम पर व्यस्तता का दिखावा करते हैं। इन अधिकारियों का मोबाइल नंबर भी आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहता है। जिस कार्यालय में ये अधिकारी बैठते हैं उनके कमरे के बाहर इनका नाम और पदनाम तो लिखा रहता है लेकिन मोबाइल नंबर नदारद रहता है।
शुक्रवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा अथॉरिटी की प्रगति समीक्षा की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्य सचिव से मिलने हेतु सेक्टर छह स्थित प्राधिकरण के प्रशासनिक कार्यालय में कई लोग आए थे। पब्लिक मुख्य सचिव से मिलकर अपने दुःख दर्द को साझा करना चाहती थी एवं कुछेक सुझाव भी देने हेतु उत्सुक थे। लेकिन पता नहीं किसके निर्देश पर अधीनस्थ एक कर्मचारी जिसका नाम विनोद कुमार बताया जाता है ने इन्तजार कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया। जिससे मायूस होकर लोग वहां से चले गए। कुछ पत्रकार भी मुख्य सचिव का फोटो खीचना एवं मीटिंग कार्यक्रम को कवर करना चाहते थे। लेकिन उनको भी सख्ती के साथ बाहर कर दिया गया।
उक्त सम्बन्ध में नोएडा के एक बड़े अधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित नही किए जाने की शर्त पर बताया कि नोएडा में अनेक भ्रष्टाचारियो की जांच हेतु सी बी आई ने डेरा डाल रखा है। जिसमें कई लोगों के गुनाहों से पर्दा उठ सकता है। इसलिए प्राधिकरण के कतिपय अधिकारी नहीं चाहते हैं कि आम जनता एवं मीडिया से मुख्य सचिव का सीधा आमना-सामना हो। एक अन्य अधिकारी ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा कि जिस तरह से लखनऊ के एक आईएएस अधिकारी को मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया है उससे बहुत सारे भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सांप सूंघ गया है। इस सम्बन्ध में इस संवाददाता ने मुख्य सचिव से मिलकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया।
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