किसानो का कर्मचारियों का भुगतान किये बगैर सुगर मिल का एक टुकड़ा भी नही ले जाने देंगे- रामभवन शुक्ल ने
बस्ती, 19 अगस्त। बजाज ग्रुप की बस्ती सुगर मिल का स्क्रैब 41.5 करोड़ रूपये में बेंचकर किसानों के बकाये का 27 करोड़ 75 लाख रूपये़ भुगतान किया गया। लगभग दो करोड़ रूपये का भुगतान स्थायी कर्मचारियों और सीजनल कर्मचारियों को भुगतान किया गया। बाकी 7 करोड़ 15 लाख 62 हजार, 289 रूपया कहा गया किसी को नही मालूम है।
जानकारी मिलते ही किसान कांग्रेस पूर्वी जोन के अध्यक्ष रामभवन शुक्ल के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसी, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ज्ञानू, मो. रफीक खां, प्रशान्त पाण्डेय, कन्हैया यादव भारतीय, कुंवर जितेन्द्र सिंह, अमित प्रताप सिंह, गंगा प्रसाद मिश्र, रमाकांत पाण्डेय, अतीउल्लाह सिद्धीकी और किसान नेता दिवान चंद पटेल आदि मौके पर पहुंच गये। श्री शुक्ल ने साफ कहा कि पूर्व मे किया गया भुगतान पारदर्शी नही है। इसको लेकर किसान गुस्से मे है। मिल प्रबंधन को अपनी मंशा साफ करनी चाहिये। उन्होने कहा किसानों के साथ जोर जबरदस्ती नही चलेगी। एक एक पाई का हिसाब देने के बाद ही स्क्रैब ले जाया जा सकेगा। दूसरी ओर कर्मचारियों का आरोप है कि जिला गन्ना अधिकारी व बजाज ग्रुप के अधिकारियों ने उक्त धनराशि को डकार लिया।
मिल कर्मचारियों ने उप जिलाधिकारी से वार्ता की तो उन्होने 03 अप्रैल 2025 को एक पत्र जारी कर जिला गन्ना अधिकारी से उक्त संदर्भ में जवाब मांगा। लेकिन आज तक इसका जवाब नही मिला। विषय को लेकर किसानों, कर्मचारियों, किसान नेताओं और किसान कांग्रेस में काफी गुस्सा है। ताजा मामला उस वक्त गरम हुआ जब बजाज ग्रुप के अधिकारी वाल्टरगंज सुगर मिल का स्क्रैब ले जाने का प्रयास करने लगे। बड़ी संख्या में सुगर मिल पर इकट्ठा हुये किसानों ने बजाज ग्रुप के अधिकारी को घेर लिया और मांग करने लगे कि यदि मालिकान की मंशा साफ है और मिल चलानी है तो नई मशीने लायें और पुरानी या निष्प्रयोज्य हो चुकी मशीनें ले जायें।
इससे पहले सुगर मिल का एक टुकड़ा बाहर नही जाने देंगे। किसान कांग्रेस के पूर्वी जोन अध्यक्ष रामभवन शुक्ल ने कहा सुगर मिल के कर्मचारी एक महीने बगैर वेतन के काम करने को तैयार हैं बशर्ते मिल प्रबंधन अपनी मंशा साफ करें और प्रयोज्य उपकरणों को निष्प्रयोज्य बताकर उसे कटवाने का काम बंद करे। मिल की मरम्मत में कर्मचारी हर स्तर का सहयोग करने को तैयार हैं। तमाम किसानों ने मिल विस्तार के नाम पर अपनी जमीनें दी, लेकिन प्रबंधन ने उन्हे न तो नोकरी दी और न जमीन का मुआवजा दिया। इस अवसर पर नायब तहसीलदार सदर, मुण्डेरवां सुगर मिल के इंजीनियर तथा बजाज ग्रुप के अधिकारी मौजूद रहे। अमरनाथ चौधरी, रोलू सिंह, रामजतन मौर्या, धर्मेन्द्र मौर्या, शिवसरन मौर्य, शेषराम वर्मा, रामजनक मौर्या, जयराम चौधरी, अनूप चौधरी, महेश पाण्डेय तथा अंगद वर्मा आदि ने प्रदर्शन मे हिस्सा लिया।
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