यूपी डेस्कः भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को कतई मंजूर नहीं है। बार एसोसिएशन के ऐलान पर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार को भी वकीलों के हड़ताल पर रहने से 10 हजार से अधिक मुकदमों की सुनवाई नहीं हो सकेगी। यूपी के अन्य जिलों से आने वाले वादकारी परेशान हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जजों को सदबुद्धि आए, इसकी कामना करते हुये पूरे दिन वकीलों ने सुदंर कांड का पाठ किया। हाईकोर्ट बार के ऐलान पर कैट के वकील भी हड़ताल पर चले गए हैं, ऐसे में वहां भी कामकाज ठप है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि वह झुकेंगे नहीं। हड़ताल पूरी तरह जारी रहेगी। जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला वापस नहीं लेता इस मामले पर वार्तालाप नहीं होगी। बुधवार को बार एसोसिएशन ने बैठक बुलाई है।
इसमें आंदोलन को और धार देने पर चर्चा होगी। हड़ताल शुरू होने के बाद से किसी भी वकील को परिसर में जाने नहीं दिया जा रहा है। वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण न्यायालय में कामकाज बुरी तरीके से प्रभावित है। अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की गरिमा पर कुठाराघात के प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आमसभा का संचालन कर रहे कैट बार के महासचिव जितेंद्र नायक ने बताया कि आम सभा में वक्ताओं ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ कोर्ट से ही संबंधित नहीं है बल्कि आम जनमानस से जुड़ा है इस घटनाक्रम से भारतीय जनता का न्यायपालिका से विश्वास उठा है।
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