मनोरमा नदी के संगम तट पर मेला 13 अप्रैल से
लालगंज, बस्ती (संजय कुमार यादव) विकास खण्ड कुदरहा के लालगंज में कुआनो और मनोरमा नदी के संगम तट पर चैत्र पूर्णिमा से लगने वाले 5 दिवसीय मेले की तैयारियां अंतिम चरण में है। संगम तट क्षेत्र के काफी लंबे भू-भाग में आयोजित होने वाले मेले में दुकानें लगनी शुरू हो गई हैं, मेले में झूला, मोटरसाइकिल सर्कस, मनोरंजन के साधन सजने लगे हैं।
कृषि यंत्रों और घरेलू उपयोग के सामानों की दुकानें बड़े पैमाने पर आनी शुरू हो गई हैं। इस मेले की खास बात यह है कि दूर दराज शहर से आकर लकड़ी व्यापारी बड़ी संख्या में अपनी दुकानें लगाते हैं। 13 अप्रैल से मेला शुरू हो रहा है जो 17 अप्रैल तक चलेगा। कहा जाता है कि लालगंज के मनवर-कुआनो संगम तट पर पौराणिक काल में उद्यालक मुनि का आश्रम हुआ करता था। नदी तट पर ही बाबा मोक्षेश्वर नाथ का विशाल मंदिर है। कहा जाता हैं कि मुनि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां स्वयं प्रकट हुए थे। यह भी कथा प्रचलित है कि वन गमन के समय भगवान राम ने यहां रात्रि विश्राम किया था।
जिस दिन भगवान राम ने विश्राम किया था वह दिन चैत्र मास की चर्तुदशी थी। दूसरे दिन पूर्णिमा को राम ने यहां स्नान किया था तथा भगवान शिव का पूजन-अर्चन किया था। चूंकि प्रभु राम ने भोजन में लिट्टी चोखा ग्रहण किया था इसलिए श्रद्धालु यहां लिट्टी चोखा प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। मेले में सैफई से पप्पू जंपिंग झूला, बरेली से अमर शाह हवाई झूला, ब्रेक डांस, ड्रैगन ट्रेन, बच्चों के छोटे झूले, सर्कस लेकर आये हैं, उन्होंने बताया कि लालगंज मनोरामा मेले में हम लोग लगभग 15 वर्षों से आ रहे हैं। हम लोगों को मेले में किसी भी प्रकार कोई समस्या नहीं होती है तथा अन्य जनपदों से बड़ी संख्या में व्यापारी अपना व्यापार करने यहां आ रहे हैं। लालगंज के ग्राम प्रधानपति बीरेंद्र कुमार उर्फ बबलू ने बताया कि मेले में किसी प्रकार की समस्या न होने पाए इसका पूरा इंतजाम किया जा रहा है,
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