Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

होम्योपैथ पर शोध कार्य के लिये सम्मानित हुये डा. वी.के. वर्मा

होम्योपैथ पर शोध कार्य के लिये सम्मानित हुये डा. वी.के. वर्मा 
बस्ती, 02 अप्रैल।
होम्योपैथ के वरिष्ठ चिकित्सक, आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने हृदय रोग पर अपना शोध प्रस्तुत किया। इस पर उन्हें सम्मानित किया गया। हेल्दी वर्ल्ड विजन फाडन्डेशन द्वारा राजधानी लखनऊ के संगीत नाट्य अकादमी के सभागार में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्यापैथी कान्फ्रेस में उन्हें अतिथियों ने सम्मानित किया।


डा. वर्मा ने शोध में कहा है कि चिकित्सा विज्ञान के विकास के साथ, हृदय रोग के लिए होम्योपैथिक उपचार कारगर हो रहा है। हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जो हृदय के एक या अधिक घटकों को प्रभावित करने वाली कई पुरानी और तीव्र चिकित्सा स्थितियों को संदर्भित करता है। हृदय छाती गुहा के बाईं ओर स्थित होता है और एक मांसपेशीय, मुट्ठी के आकार का अंग होता है। यह लगातार रक्त पंप करता है और दिन में लगभग 1 लाख बार धड़कता है। 


इसका मुख्य कार्य रक्त के माध्यम से पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करना और कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को गुर्दे, फेफड़े और यकृत में ले जाना है। आज की गतिहीन जीवनशैली के कारण, कई लोग विभिन्न हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। अगर इसका ध्यान न रखा जाए, तो इससे व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। डा. वर्मा के अनुसार एकोनिटम नेपेलस, कैक्टस ग्रैंडिफ्लोरस, क्रैटेगस ऑक्सीकैंथा ,ऑरम मेटालिकम, डिजिटलिस पुरपुरिया जैसी दवायें हृदय रोग में कारगर है। 


रोगी को कुशल चिकित्सक की देख रेख में औषधि लेना चाहिये। डा. वर्मा ने शोध पत्र में कहा है कि होम्योपैथी दवा की एक प्रणाली है जो रोगी के लक्षणों के अनुसार काम करती है। रोगी के विशिष्ट लक्षणों के आधार पर दवाओं का चयन या निर्धारण किया जाता है। ये दवाएं रोग के प्रति रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमताध्जीवन शक्ति को बढ़ाती हैं। होम्योपैथी रोगी को एक मानती है और रोग का उसके मूल कारण से उपचार करती है। तो, होम्योपैथी दवाएं न केवल दिल के दौरे में मदद करती हैं बल्कि उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसे जोखिम वाले कारकों के इलाज में भी मदद करती हैं।

Tags

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Below Post Ad

 

 

Bottom Ad