भ्रष्टाचार की शिकायत पर नही हुई जांच
बनकटी, बस्ती (बीपी लहरी) लगभग तीन वर्ष पूर्व क्षेत्र के ग्राम पंचायत सूरापार निवासी राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल पुत्र रामेश्वर प्रसाद शुक्ल ने ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर शासकीय धन के दुरुपयोग की शिकायत किया था। लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। राजेन्द्र शुक्ल की शिकायत है कि ग्राम पंचायत में अमरपाल के खेत से धिंगरा ताल तक चकरोड निर्माण में ₹ एक लाख चौंतीस हजार चार सौ चौंसठ खर्च किया गया है। जबकि चकरोड का अस्तित्व ही वहां नहीं है।
पूर्व में जांच के दौरान बताया गया है कि अरुण कुमार का खेत है। लेकिन उस कथित चकरोड पर उनका खेत ही नहीं है। अरुण कुमार जिसकी उम्र लगभग पचहत्तर वर्ष है वे अपना दैनिक कार्य करने में अक्षम है, तो मजदूरी कैसे कर सकते हैं। इसके अलावा अश्विनी के घर से सिद्दीक के घर तक तथा रामू के घर से सिद्दीक के घर तक इन्टरलाकिंग एक ही कार्य है। जिस पर एक ही वर्ष में दो बार भुगतान होना दर्शाया गया है। सरयू नहर खन्ड चार को नाला खुदाई कार्य फर्जी दर्शाकर बगैर सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र के नियम विरुद्ध भुगतान कराया गया है।
आरोप यह भी है कि ग्राम पंचायत के आंगनबाड़ी केन्द्र पर वालपेन्टिंग में प्रधान प्रतिनिधि के रूप में नियम विरुद्ध शरद शर्मा का नाम दर्ज है। जबकि शरद शर्मा परिषदीय स्कूल के शिक्षक तथा महिला प्रधान के पुत्र हैं। इसके अलावा अन्य गम्भीर आरोप भी हैं, जिसकी जांच के लिए मंडलायुक्त के आदेश पर संयुक्त विकास आयुक्त पद्मकान्त शुक्ल ने मंडलायुक्त के आदेश की कापी को प्राविधिक परीक्षक तकनीकी संपरीक्षा प्रकोष्ठ को प्रेषित करने के साथ खन्ड विकास अधिकारी बनकटी को भी प्रेषित कर सम्बन्धित अभिलेख एक पखवारे तक उपलब्ध कराने के लिए 15 मार्च 2023 को निर्देशित किया था।
लेकिन समाचार लिखे जाने तक दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यह कहकर खन्ड विकास अधिकारी सम्बन्धित अभिलेख देने में अनावश्यक विलम्ब कर जांच प्रक्रिया में व्यवधान पैदा करने की साज़िश कर रहे हैं। वे कहते हैं कि वांछित अभिलेख गायब हो गया है। बीडीओ से प्रेस ने पूंछा जब सभी प्रकार के कराये गये विकास कार्य नेट पर अपलोड है तब उसे आपको जांच टीम को देने से गुरेज क्यों है ? तब उन्होंने वांछित अभिलेख देने की हामी तो भर लिया लेकिन देंगें अथवा नहीं यह भविष्य के गर्भ में है।
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