जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष की संभावना, लालगंज पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
बनकटी, बस्ती (बीपी लहरी) सिविल न्यायालय के स्थगनादेश का माखौल उड़ाते हुए प्रतिवादी विवादित भूखण्ड पर निर्माण कराने से बाज नहीं आ रहे हैं जिसमें पुलिस की साजिश से प्रबल खूनी संघर्ष की आशंका जताई जा रही है। मामला लालगंज थाने का है। थाना क्षेत्र के ग्राम बर्रोहिया निवासी वादी राम मूरत पुत्र सत्यराम का उसी गांव के प्रतिवादी राम पदार्थ आदि से भूखण्ड सं.98 का विवाद है।
यह सिविल जज सीनियर डिवीजन बस्ती के न्यायालय में न सिर्फ विचाराधीन है। बल्कि उसमें न्यायालय ने स्थगनादेश जारी करते हुए लिखा है कि प्रतिवादी गण विवादित भूमि पर वादी के शान्ति पूर्ण कब्जे में किसी किस्म का हस्तक्षेप और किसी प्रकार का कोई निर्माण करने के साथ वादी को जबरन बेदखल न करें। इस मामले में वादी गण का आरोप है कि सिविल न्यायालय के इस दिये गये स्थगनादेश के बावजूद प्रतिवादी विवादित भू-भाग पर अपने दबंगई की बदौलत 20 मई को जबरन निर्माण कराना शुरू कर दिया। स्थगनादेश की कापी के साथ लालगंज पुलिस को उसी दिन तहरीर देकर निर्माण रोकवाने का प्रार्थना पत्र भी दिया।
लेकिन पुलिस ने मामले में किसी प्रकार का दखल तब तक नहीं दिया जब तक प्रतिवादियों ने विवादित भूखण्ड में बुनियाद का निर्माण नहीं कर लिया। यह पुलिस की पारदर्शिता और साफनीयत पर सवाल खड़ा कर रहा है। आरोप तो यह भी है कि प्रतिवादी गण परिवारदार होने के साथ पुलिस की शह पर शेष निर्माण को पूरा करने के लिए हर तरीके से साम दाम दण्ड भेद तक अपनाने की साजिश कर रहे हैं। बताया तो यह भी जा रंहा है कि पुलिस जिस तरह से पक्षपातपूर्ण रवैया व दोहरी मानसिकता अपना रही है वह किसी से छिपा नहीं है। ऐसी स् मामले में खूनी संघर्ष होने की प्रबल आशंका जताई जा रही है। आरोपों के मामले में थानाध्यक्ष लालगंज शशांक शेखर राय से जब पुलिस का पक्ष जानने का अनेक बार प्रयास किया गया तो उन्होंने काल रिसीव ही नहीं किया।
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