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सर्राफा कारोबारी को लूटने वाले बदमाशों को महराजगंज पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा

सर्राफा कारोबारी को लूटने वाले बदमाशों को महराजगंज पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा
महराजगंज, जिला संवाददाता (सुनील पाण्डेय)।
जनपद में लूट की वारदातों पर अंकुश लगाने और शातिर अपराधियों को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। भिटौली थाना क्षेत्र में एसओजी, स्वाट टीम और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सर्राफा कारोबारियों को लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 



इनमें से दो आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ के बाद मौके से दबोचा गया, जबकि एक महिला आरोपी को उसके घर से हिरासत में लिया गया। 10 मई 2025 की सुबह करीब 4ः25 बजे की है, जब अगया नहर के समीप ग्राम भैसी क्षेत्र में पुलिस ने घेराबंदी कर दो आरोपियों को पकड़ लिया। मुठभेड़ के दौरान मुख्य आरोपी अरविंद यादव उर्फ बड़कू ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन जवाबी कार्रवाई में घायल होकर वह पकड़ा गया। उसके साथ दूसरा आरोपी अनूप राजभर भी मौके से दबोच लिया गया। बाद में पूछताछ के आधार पर पुलिस ने महिला आरोपी माया देवी को भी उसी दिन उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। 


पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई में कई लंबित मामलों का भी अनावरण हुआ है। पुलिस ने घटनास्थल से एक देशी पिस्टल, तीन कारतूस के खोखे, नकदी, दो आधार कार्ड, एक पासबुक और बिना नंबर की अपाची बाइक बरामद की। इसके अतिरिक्त पूछताछ में आरोपियों के निशानदेही पर लूट के जेवरात भी बरामद किए गए, जिनमें लगभग 1.260 किलोग्राम चांदी, 21 ग्राम सोना, चार जोड़ी पायल और दो सोने की गलाकर बनाई गई टिकिया शामिल हैं। 


गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने पैसे के लालच में संगठित होकर स्वर्ण कारोबारियों को निशाना बनाया। आरोपी सुनसान स्थानों पर स्थित सर्राफा दुकानों में ग्राहक बनकर पहुंचते थे और मौका मिलते ही लूट की वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह का मास्टरमाइंड अरविंद यादव पहले से ही कई संगीन मामलों में वांछित था और उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि लूट के बाद सोने के आभूषणों को पहचान से बचाने के लिए गलाकर टिकिया में बदल दिया जाता था। ये टिकिया अरविंद की फुआ माया देवी को सौंप दी जाती थीं, जो उन्हें बेचकर आरोपियों को रकम देती थीं।



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