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ओजस्व सिंह को डीजीपी ने किया सम्मानित, मिल रही है बधाइयां

ओजस्व सिंह को डीजीपी ने किया सम्मानित, मिल रही है बधाइयां
बस्ती, 19 मई। पुलिस महकमे में अपनी अद्वितीय कार्यशैली, अटूट निष्ठा और अथक परिश्रम के लिए जाने जाने वाले बस्ती जनपद के सपूत, ओजस्व सिंह ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें विभागीय कार्यों को अत्यंत समर्पण, गहरी लगन और कड़ी मेहनत के साथ निर्वहन करने के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया है। 


ओजस्व सिंह की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे बस्ती जनपद में हर्ष और उत्साह का संचार कर दिया है। ओजस्व सिंह का जन्म और पालन-पोषण बस्ती जिले के एक छोटे से गाँव, मरवाटिया बाबू में हुआ। मिट्टी से जुड़े इस साधारण पृष्ठभूमि के युवा ने अपनी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के बल पर पुलिस विभाग में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा बस्ती में ही हुई, जहाँ से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर प्रशासनिक सेवाओं की ओर रुख किया। 


अपनी मेहनत और लगन के परिणामस्वरूप, उन्होंने पुलिस विभाग में एक प्रतिष्ठित पद हासिल किया और अपनी कार्यशैली से सभी को प्रभावित किया। वर्तमान में, ओजस्व सिंह पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के ओएसडी (विशेष कार्यकारी अधिकारी) के पद पर कार्यरत हैं। यह पद अत्यंत महत्वपूर्ण और जिम्मेदारीपूर्ण होता है, जहाँ उन्हें डीजीपी के दैनिक कार्यों, नीति निर्धारण और महत्वपूर्ण प्रशासनिक मामलों में सक्रिय भूमिका निभानी होती है। इस चुनौतीपूर्ण भूमिका में ओजस्व सिंह ने अपनी कार्यकुशलता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और उत्कृष्ट संगठनात्मक कौशल का परिचय दिया है। 


उन्होंने न केवल विभागीय कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि कई जटिल और संवेदनशील मामलों को भी अपनी सूझबूझ से सफलतापूर्वक हल किया है। ओजस्व सिंह के चरित्र और कार्यशैली पर उनके पिता, स्वर्गीय योगेश्वर सिंह का गहरा प्रभाव रहा है। योगेश्वर सिंह स्वयं एक तेजतर्रार और ईमानदार आईपीएस अधिकारी थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सत्यनिष्ठा और कर्तव्यपरायणता के उच्च मानदंड स्थापित किए थे। उन्होंने समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 


अपने पिता के आदर्शों को आत्मसात करते हुए, ओजस्व सिंह ने भी ईमानदारी, निष्पक्षता और जनसेवा को अपने कार्य का मूल मंत्र बनाया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ओजस्व सिंह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और उसी समर्पण भाव से समाज की सेवा में तत्पर हैं। जब ओजस्व सिंह को डीजीपी द्वारा सम्मानित किए जाने की खबर बस्ती पहुँची, तो मरवाटिया बाबू गाँव और पूरे जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके परिवार,मित्र, पड़ोसी और शुभचिंतकों ने इस असाधारण उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। यह सम्मान न केवल ओजस्व सिंह के व्यक्तिगत प्रयासों का सम्मान है, बल्कि यह बस्ती जनपद के उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है जो अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने का सपना देखते हैं।


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