कूड़ा निस्तारण के नाम पर हुआ करोड़ों का खेला
गौतमबुद्ध नगर (ओ पी श्रीवास्तव)। यूपी का गेटवे कहां जाने वाला नोएडा इन दिनो भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। बीते एक दशक पूर्व हुए घोटाले की जांच की आंच अभी ठंढी नहीं हुई है कि ताजा मामला नोएडा में कूड़ा उठाने की एजेंसी द्वारा घोटाला किए जाने के आरोप को लेकर सामने आया है। हालांकि नोएडा के सीईओ ने आरोप को सरासर मिथ्या और आधारहीन बताया है।
कहते हैं कि नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर लोकेश एम एक सख्त एवं ईमानदार अधिकारी तो है परन्तु उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के द्वारा उन्हें भी कभी कभी अंधकार में रखकर भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा ली जाती है। मिली जानकारी के अनुसार नोएडा की एक कूड़ा कलेक्शन कंपनी और जन स्वास्थ्य विभाग की साज़िश से नोएडा प्राधिकरण में कचरा निस्तारण के नाम पर राजस्व की क्षति हो रही है। जबकि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने इस मामले में शुक्रवार को कहा कि कुछ समाचार पत्र बिना बात किए ही अपने मन से खबरों को प्रकाशित कर दिया करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की एक शिकायत आई थी जो निराधार पाईं गईं। प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री ने भी प्राथमिक जांच में आरोपो की पुष्टि नहीं होने का दावा किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक प्राईवेट कंपनी पर आरोप लगा था कि उसको वर्ष 2019 में 600 मेट्रिक टन कचरा निस्तारण करने का ठेका प्राधिकरण से मिला था। टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी को नोएडा का कूड़ा उठाकर निस्तारित करना था। लेकिन प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से कंपनी ने सोसाइटियों का भी कचरा उठाकर निस्तारित करना शुरू कर दिया। इससे कंपनी प्रतिदिन कुल 600 की बजाय 900 टन कचरे का निस्तारण करने लगी।
इस प्रकार प्राधिकरण से अतिरिक्त तीन सौ टन कचरे कै लिए प्रतिदिन करीब चार लाख रुपए नोएडा प्राधिकरण से वसूल करने लगीं। इस तरह कम्पनी ने लगभग छः वर्षों में कई करोड़ का चूना प्राधिकरण को लगा दिया। आरोप था कि कंपनी ने एक तरफ प्राधिकरण से भी 900 टन कूड़ा उठाने के नाम पर पैसा वसूलती रही और दूसरे तरफ सोसाइटियों से भी कूड़ा निस्तारण के एवज में प्रतिमाह करीब 2 करोड रुपए अलग से शुल्क लेती रही। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर लोकेश एम ने कहा कि नोएडा को सुन्दर और स्वच्छ तथा हरियाली से परिपूर्ण बनाने का उनका संकल्प है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं किसी प्रकार की कोई शिकायत आती है तो उसकी ईमानदारी और गहराई से जांच कराई जाती है। उक्त संबंध में डाक्टर लोकेश ने बताया कि आरोप मनगढ़ंत और बेबुनियाद है तथा नोएडा को बदनाम करने का प्रयास है।
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