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अभिभावकों की पहली पसंद है सेण्ट जोसेफ स्कूल जहां गुणवत्ता सर्वोपरि

अभिभावकों की पहली पसंद है सेण्ट जोसेफ स्कूल जहां गुणवत्ता सर्वोपरि
बस्ती, 07 मई।
सेण्ट जोसेफ स्कूल अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर गोल्डन जुबली मना रहा है। इसकी स्थापना 1975 में हुई। यहां की शैक्षिक गुणवत्ता और अनुशासन के सभी कायल हैं। आम जन की अवधारणा है कि बच्चे तो दूर यहां अभिभावका को भी ब्राण्ड के अनुसार मानकों का पालन करना पड़ता है। गुणवत्ता को लेकर जिन आदर्शों पर स्कूल स्थापना हुई थी, वे आज भी कायम हैं। 


बच्चों से मिलकर खुद ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रबंधक चार्ल्स फिलिप ने मीडिया दस्तक को एक मुलाकात के दौरान बताया कि उनके लिये संख्या नहीं गुणवत्ता मायने रखती है। निष्ठावान कुशल अध्यापक अध्यापिकाओं की टीम, सपोर्टिंग अभिभावक और अनुशासति बच्चे रोज नया कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। उन्होने कहा स्कूल में सभी सुविधायें उपलब्ध हैं जो बच्चों को मिलनी चाहिये। इसके बावजूद समय समय पर अभिभावकों के जो सुझाव आते हैं उन पर अमल करने का प्रयास किया जाता है। 



अन्य जानकारियां

स्कूल प्रबंधन ने बताया कि यहां नर्सरी से 8वीं तक कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। कुल 42 सुविधायुक्त कमरे हैं, जिनमे 1700 छात्र छात्रायें बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 65 टीचिंग स्टाफ इन्हे किताबी जानकारियां देने के साथ रोजाना एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा दे रहे हैं।


उपलब्ध सुविधायें

सेण्ट जोसेफ स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने के लिये पर्याप्त वाहन, शौचालय, यूरिनल, कम्प्यूटर एवं साइंस लैब, समृद्ध लायब्रेरी, सुरक्षित कैम्पस, मजबूत गेट, हवादार कमरे, सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड, वाहन पार्किंग, प्रत्येक सत्र में 12 गरीब छात्र छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, आरओ वाटर, साइकिल स्टैंड, मनमोहक बागवानी, प्रिंसिपल व स्टाफ रूम, आफिस आदि सुविधायें उपलब्ध हैं जिन्हे समय समय पर अपडेट किया जाता है।


सतत मूल्यांकन

चार्ल्स फिलिप ने बताया कि समय समय पर स्कूल में वाद विवाद, भाषण व विभिन्न प्रतियोगितायें आयोजित की जाती हैं। अध्यापक जो पढ़ाते हैं उनमे बच्चों ने कितना सीखा इसके लिये मासिक टेस्ट होते हैं। परिणाम के आधार पर कमजोर बच्चों की अलग से देखभाल की जाती है। पैरेन्ट्स मीटिंग में अनेक सुझाव आते हैं, इन पर हर संभव अमल किया जाता है। इसके अलावा बच्चों को विभिन्न धर्मों के त्योहारों व अन्य आयोजनों की जानकारी दी जाती है। रामलीला महोत्सव, महाकुंभ जैसे आयोजनों में प्रतिभाग करने का अवसर देकर बच्चों को धर्म और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर प्रदान किया जाता है।


प्रबंधक की अपील

सेण्ट जोसेफ स्कूल के प्रबंधक चार्ल्स फिलिप ने कहा कि स्कूल के बारे में लोगों को कोई धारणा नही बनानी चाहिये। हमारे लिये शैक्षिक गुणवत्ता सर्वोपरि है। हम कतई इससे समझौता नही कर सकते हैं। हमारी एक साख है इसमे बट्टा लगे, ऐसा कभी नही चाहेंगे। हम अपने स्टाफ के साथ सतत प्रयत्नशील है कि जिस गुणवत्ता के बारे में सुनकी अभिभावक अपने बच्चों को सौंपता है व गुणवत्ता और अभिभावक का भरोसा हमेशा कायम रहे। उन्होने अभिभावकों, बच्चों तथा स्टाफ को सेण्ट जोसेफ स्कूल के गोल्डन जुबली पर अनंत बधाइयां व शुभकामनायें देते हुये उनके सुखमय जीवन की कामना की और नर्स से 8वीं तक के बच्चों का प्रवेश सेण्ट जोसेफ स्कूल में कराने की अपील किया।


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