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शिष्य के गुणों को पहचानता है गुरू



शिष्य के गुणों को पहचानता है गुरू
बस्ती, 10 जुलाई।
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर बृहस्पतिवार को संकल्प चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में गुरु की महिमा का बखान किया गया। राजन महिला डिग्री कॉलेज पचपेडिया के दिव्यम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के हाल में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने गुरु की महिमा पर प्रकाश डाला।


कहा सफलता बिना गुरु के मार्गदर्शन के संभव नहीं है। कार्यक्रम में तमाम वक्ताओं ने वर्चुअली प्रतिभाग कर गुरु की महिमा के संदर्भ में अपने अनुभव और उद्गार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता अखंड एक्यूप्रेशर रिसर्च ट्रेंनिंग एंड ट्रीटमेंट इंस्टीट्यूट प्रयागराज की अध्यक्ष डॉक्टर अर्चना दुबे ने कहा कि गुरु में यह क्षमता होती है कि वह शिष्य के गुणों को पहचान कर उसे सफलता के मार्ग की ओर अग्रसर करे। इसके लिए शिष्य को कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। गुरु स्वयं ही पहचान लेते हैं कि शिष्य किस क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान कर सकता है। 


हमारे देश में जितने भी महापुरुष हुए हैं उन सब की सफलता के पीछे कहीं न कहीं गुरु का ही योगदान है। कार्यक्रम के संयोजक एवं निर्देशक संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट डॉक्टर नवीन सिंह ने कहा कि जीवन में माता-पिता के बाद गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। इससे पूर्व एक्यूप्रेशर जगत के पुरोधा डॉ. माता प्रसाद खेमका के चित्र पर पुष्पार्चन किया गया। इसके साथ ही एक्यूप्रेशर की दिशा में उनकी ओर से किए गए योगदान की भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल हुए वक्ताओं का मनीषा सिंह व योगाचार्य राम मोहन पाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में योगाचार्य सन्नो दुबे, किरण, अजीत, अनु, सत्य प्रकाश, मंजू निगम, प्रियंका, दीपिका, सुजाता, गुरमीत, अंजू सिंह सहित तमाम लोग शामिल है।

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