भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया
नेशनल डेस्कः भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे एक आधिकारिक पत्र में अपना इस्तीफा सौंपा। धनखड़ ने पत्र में लिखा कि चिकित्सीय सलाह और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता के चलते उन्होंने यह निर्णय लिया है।
“मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं,” उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट किया। धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति मुर्मू को उनके “अटूट समर्थन और सौहार्दपूर्ण कार्य संबंधों“ के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखाः “अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति महोदय के साथ जो सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण संबंध बने, वह मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रहे।“ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद को भी उनके ‘अमूल्य समर्थन’ के लिए आभार प्रकट किया और कहा किः “प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन मेरे कार्यकाल के दौरान अत्यंत प्रेरणादायक और सशक्त रहा। मैंने उनके नेतृत्व में बहुत कुछ सीखा।”
धनखड़ ने सांसदों से मिले विश्वास, सम्मान और स्नेह को अपनी यादों का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने लिखाः “संसद के सभी सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला, वह मेरी यादों में हमेशा जीवित रहेगा।” अपने कार्यकाल को याद करते हुए धनखड़ ने लिखा कि उन्हें इस अवधि के दौरान भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती साख को देखने और उसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। “देश के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है। भारत के उज्ज्वल भविष्य पर मुझे पूरा विश्वास है।”
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कई अहम निर्णयों और कार्यवाहियों में नेतृत्व किया। वे अपने संवैधानिक अनुशासन, स्पष्ट विचारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाते रहे। धनखड़ के इस्तीफे के बाद, भारत के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की संभावना है। निर्वाचन आयोग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी की जा सकती है। फिलहाल, संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति या किसी अधिकृत अधिकारी द्वारा अंतरिम व्यवस्था की जाएगी जब तक नया उपराष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हो जाता।
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