दबंग बिल्डरों के खिलाफ की गई शिकायत वापस लेना चाहता है नोयडा प्राधिकरण, डर या समझौता
गौतमबुद्ध नगर, संवाददाता (ओ पी श्रीवास्तव)। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की यह साजिश है या मजबूरी ? समझ से परे है, क्योंकि एक घटनाक्रम में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने पहले पुलिस थाने में शिकायती प्रार्थना पत्र मुकदमा दर्ज करने हेतु दिया। लेकिन तीन महीने बाद उस शिकायती प्रार्थना पत्र को अब वापस लेने हेतु प्रयास कर रहे हैं, जो लोगो को सोचने पर मजबूर कर रहा है।
इस सम्बन्ध में सूत्रों से मिलीं जानकारी के अनुसार नोएडा प्राधिकरण के जांबाज कर्मचारियों ने एक गांव के
कुछ लोगों के खिलाफ प्राधिकरण की भूमि पर अतिक्रमण करने एवं मारपीट करने तथा गाली गलौज करने व सरकारी काम में बांधा उत्पन्न करने के मामले में पुलिस थाना फेज तीन में शिकायत दर्ज कराई थी। परन्तु अब प्राधिकरण के वही कर्मचारी शिकायत वापस लेने के लिए जी तोड कोशिश कर रहे है। बताया जाता है कि थाना फेज तीन क्षेत्र के अन्तर्गत एक गांव में कुछ लोगों ने प्राधिकरण की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर रखा है।
इसे हटाने के लिए प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किया। लेकिन फिर भी जब अवैध कब्जाधारियो ने कब्जा नहीं हटाया। तब प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक टीम बनाकर करीब तीन महीने पहले एक दिन अवैध कब्जा हटाने का प्रयास किया। कहा जाता है कि दबंग कब्जेदारों ने प्राधिकरण की टीम के साथ गाली गलौज और मारपीट की तथा सरकारी काम में बांधा उत्पन्न की एवं टीम के लोगों को हत्या करने की धमकी भी दी। इस पर नोएडा अथॉरिटी ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई हेतु आवेदन पत्र दिया।
लेकिन तीन महीने बीतने के बाद अब नोएडा प्राधिकरण पुलिस को दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र को वापस लेने पर अड़ा हुआ है। सवाल उत्पन्न हो रहा है कि इस तीन महीने में ऐसा क्या हो गया कि प्राधिकरण अब अपने द्वारा दिए गए शिकायत को वापस लेने पर उतारू है। क्या प्राधिकरण एवं अवैध कब्जा करने वालों के बीच कोई समझौता हो गया है या प्राधिकरण वाले अवैध अतिक्रमण करने वालों से भयभीत हो गए हैं ? इस मामले में वर्क सर्किल पांच के वरिष्ठ प्रबंधक पारस नाथ सोनकर ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर वह अपनी शिकायत वापस लेने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले शिकायत पुलिस को दी गई थी लेकिन सम्बंधित थाने की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस वाले प्राधिकरण के अधिकारियों कर्मचारियो को हेय दृष्टि से देखते हैं तथा उनकी नजर में प्राधिकरण भ्रष्ट हैं। इस सम्बन्ध में एक सहायक पुलिस आयुक्त ने अपना नाम प्रकाशित नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि अथारिटी पहले अवैध कब्जा कराता है व अवैध बिल्डिंग बनवाता है तथा बाद में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी करता है एवं अनावश्यक रूप से पुलिस को परेशान करता है। पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि अथॉरिटी के मधुर रिश्ते नोएडा के अधिकांश अवैध भू माफिया एवं बिल्डरों के साथ है। इस सम्बन्ध में प्राधिकरण के सी ई ओ डाक्टर लोकेश एम ने इस संबंध में पूछने पर बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। पता करके बता पाऊंगा।
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