भारत में नारियां पूजनीय, अफगान के विदेश मंत्री की कान्फ्रेंस में नो एण्ट्री दुर्भाग्यपूर्ण- अशोक श्रीवास्तव
Women are revered in India, but no entry to the Afghan Foreign Minister's conference is unfortunate - Ashok Srivastava
बस्ती, 12 अक्टूबर। राजधानी दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्तकी की ओर से आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को एन्ट्री न दिये जाने से नाराज बस्ती के पत्रकारों ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। नेशनल प्रेस क्लब के संरक्षक अशोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर इकट्ठा हुये पत्रकारों ने घटना की निंदा की और एक दिन की डीएम बनी छात्रा को प्रधानमंत्री को सम्बोधित 3 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
अशोक श्रीवास्तव ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि महिलाओं के प्रति मुत्तकी का यह व्यवहार अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा बयां करता है। मानवाधिकार संगठनों ने इसे लैंगिक रंगभेद करार दिया है। अशोक श्रीवास्तव ने आगे कहा कि भारत दुर्गा, सावित्री, गायत्री और सीता का देश है, यहां ऐसी महिलाओं का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। इस मामले में ज्ञापन भेजकर प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि इस प्रकार की घटना दोबारा न होने पाये।
वरिष्ठ पत्रकार विरेन्द्र पाण्डेय, नीरज श्रीवास्तव, नवनिधि पाण्डेय, राघवेन्द्र सिंह, धनंजय श्रीवास्तव ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये कहा कि भारत में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के विचारों की अहमियत नही है, यहां महिलायें दोयम दर्जे की नागरिक नही हैं बल्कि पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुनिया के हर क्षेत्र में बेहतर योगदान दे रही है। दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति हुई तो नेशनल प्रेस क्लब राष्ट्रीय स्तर पर पहल करेगा। ज्ञापन देते समय शमशाद आलम, अनूप सिंह, पारसनाथ मौर्य, समीर आलम, बीपी लहरी, राकेश गिरि, शमशाद आलम, अनिल सिंह आदि मौजूद रहे।
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