धार्मिक नही हो सकता इंसानियत को न मानने वाला
- उमाशंकर जी महराज
बस्ती, 28 दिसम्बर। गांधीनगर स्थित गौरीदत्त धर्मशाले में सांईकृपा संस्थान की ओर से आयोजित तीन दिवसीय संगीतमयी साईकथा के तीसरे व आखिरी दिन उमाशंकर जी महराज ने कहा कि धर्म की बुनियाद इंसानियत पर टिकी है। जिसके भीतर इंसानियत नही है वह कभी धार्मिक नही हो सकता। धर्म को मजबूत करना है तो इंसानियत की राह पर चलना होगा।
अन्यथा की स्थिति में पूरा समाज भ्रष्ट हो जायेगा और सभी प्रकार के रिश्ते अपनी अहमियत खो देंगे। उमाशंकर जी महराज ने कहा साईंनाथ महराज अपने किसी भी भक्त की आखों में आंसू नही देख पाते। वे बड़े सरल भाव से भक्त की भावनायें समझते हैं और और उसके चेहरे पर मुसकान लाने के लिये अपनी दिव्य शक्तियों का प्रयोग करते हैं। देर रात तक सैकड़ों की संख्या में महिलायें, पुरूष कथा का रसपान करते रहे। आखिरी दिन शनिवार को कथा विश्राम के पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन हुआ जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
कथा के अिखरी दिन सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव, श्रीमती रचना यादव, रोनित श्रीवास्तव सपरिवार, अजीत श्रीवास्तव सपरिवार मुख्य यजमान रहे। कथा को सार्थक बनाने में डा. प्रकाश श्रीवास्तव, रमेशचन्द्र श्रीवास्तव, मनोज कुमार श्रीवास्तव आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। गुलाब सोनकर, मुकेश सोनकर, जगदीश शुक्ला, रामअधार पाल, अनुज यादव, भोलेन्द्र श्रीवास्तव, वीरेन्द्र श्रीवास्तव, मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती सीमा श्रीवास्तव, श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव, राजू पाण्डेय, अरूणेन्द्र श्रीवास्तव, अलीम अख्तर, प्रिया श्रीवास्तव, अनुभव उपाध्याय, बृजेश मिश्र, श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।











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