Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

यूट्रस के आपरेशन में डाक्टर ने दोनो किडनी निकाल ली, सुनवाई 18 जून को

यूट्रस के आपरेशन में डाक्टर ने दोनो किडनी निकाल ली, सुनवाई 18 जून को




बिहार डेस्कः मुजफ्फरपुर की महिला सुनीता देवी (33) के ऑपरेशन के दौरान डाक्टर ने दोनों किडनी निकाल ली। डॉक्टर ने गर्भाशय निकालने को कहा था। मामला पिछले साल का है। पुलिस में केस रजिस्टर होने के बाद न्यायिक हिरासत में बंद डॉक्टर पवन कुमार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम अजय कुमार मल्ल के एससी एसटी एक्ट कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है। कोर्ट आज सजा सुनाने वाली थी। लेकिन अब अगली 18 जून को सुनवाई होगी। लोक अभियोजक पदाधिकारी जयमंगल प्रसाद ने बताया कि अभियुक्त और अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के समक्ष आवेदन दिया कि एक तिथि तय की जाए। 


इसके बाद जज ने दोनों पक्षों के आवेदन को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तिथि दी। वहीं, इस मामले में मुख्य आरोपी डॉक्टर आरके सिंह फरार है। कोर्ट के आदेश पर उनके घर की कुर्की जब्ती की प्रक्रिया हो चुकी है। दूसरी तरफ Sri Krishna Medical College and Hospital में भर्ती सुनीता की तबीयत में सुधार नहीं हुआ है। उसका स्वास्थ्य पहले से खराब हो गया है। दो साल से वह अस्पताल में भर्ती है। मामले की शुरुआत 11 जुलाई 2022 को हुई। जहां सकरा थाना क्षेत्र के बाजी राउत गांव की सुनती देवी को पेट में दर्द हुआ। जिसके बाद इलाज के लिए डॉक्टर पवन कुमार के क्लीनिक पहुंची थी। डॉक्टर ने उसे गर्भाशय निकालने के लिए ऑपरेशन की सलाह दी। जिसके लिए 20 हजार रुपए पहले जमा भी करवा लिए। 


बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में ही तीन सितंबर 2022 सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन हुआ था। क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर पवन कुमार का था। मामला मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर ओपी के बाजी कस्बे का है। वहां डॉक्टर ने कहा कि यूट्रस का ऑपरेशन करना होगा। इसके लिए परिवार वाले तैयार हो गए। 3 सितंबर को सुनीता का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन इसके बाद सुनीता की हालत और खराब होने लगी। परिजन जब उसे लेकर पटना मेडिकल कॉलेज पहुंचे तब 5 सितंबर को पता चला कि उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई हैं। सुनीता के परिजनों ने निजी नर्सिंग होम के संचालक पवन कुमार और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों पर किडनी निकालने का आरोप लगाया। इस मामले में मामले को लेकर बरियारपुर थाने में शिकायत के बाद नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ ह्यूमन पार्ट्स ट्रांसप्लांट एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

Tags

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Below Post Ad

 

 

Bottom Ad